बिहार : 14 माह की वेतन निकासी के एवज में 15 हजार की मांग - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 22 सितंबर 2017

बिहार : 14 माह की वेतन निकासी के एवज में 15 हजार की मांग

  • डिप्टी सीएम की द्योषणा हवा में करने वालों पर हो शख्त कार्रवाई

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पटना। सूबे के उप मुख्यमंत्री हैं सुशील कुमार मोदी। जी वित मंत्री भी हैं। कर दी है द्योषणा राज्यकर्मिंयों को महापर्व दशहरा के रूप वेतन दे दिया जायेगा। हां, इसके कारण मीडियाबिहटा में छा गये। इस द्योषणा से राज्यकर्मिंयों के द्यरों में उम्मीद जगी। अब बड़ा बाबूओं द्वारा काम के बदले दाम वसूलने के बाद ही अग्रेतर कार्य करने से दशहरा पूर्व वेतन न मिल सकने को लेकर राज्यकर्मी नाउम्मीद होने लगे हैं। बताया गया कि पटना जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बिहटा में कार्यरत कर्मियों को 14 माह से वेतन नहीं मिल रहा है। 14 माह का वेतन निकालने के लिए प्रति कर्मी 15 हजार रू. की मांग की गयी है। मजे की बात है कि यहां की महिला कर्मी स्वास्थ्य विभाग में गये शिकायत करने तो उनलोगों को बताया गया कि बड़ा वेतनमद की राशि की मांग नहीं करते है। दूसरी ओर बड़ा बाबू को चढ़ावा देने वालों का वेतन बनाया जा रहा है। वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पुनपुन के कर्मियों को 10 माह से वेतन नहीं मिल रहा है। बड़ा बाबू बड़ा हथियाने के मूड में थे। जोश में आकर होश खोकर 65 हजार रू.मांग कर बैठे। ट्रेजरी वालों को 65 हजार रू. देना है। इस मांग से आगत होकर चिकित्सा प्रभारी के समक्ष कर्मी गये। सभी कर्मियों को मोबाइल से सूचना दी गयी कि गुरूवार को ट्रेजरी जाकर धरना और प्रदर्शन करना है। टहलते -टहलते यह जानकारी बड़ा बाबू तक चली गयी। जान आफत में देख बड़ा बाबू पे एडवाइस को ट्रेजरी तक पहुंचा दिया। जानकारी के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ,धनरूआ के बड़ा बाबू ने प्रति कर्मी 500 रू.आंवटन और ऑनलाइन  500 रू.देने की मांग की थी। मांग की गयी नहीं मिलने से 6 माह का वेतन मिलने का आसार नहीं है। यह अतिशयोक्ति नहीं है कि लाल सलाम वाले नेता हैं और चंदा वसूलते हैं। समय-समय प्रदर्शन करवाते हैं। इसके बाद बड़ा बाबू और सहायकों से मिलकर अवैध वसूली करवाने में लग जाते हैं। वहीं वित मंत्री सुशील कुमार मोदी से निवेदन है कि आप आकलन करें कि द्योषणा के अनुरूप दशहरा के पूर्व वेतन दिया गया अथवा नहीं? उसी के अनुरूप विभागीय कार्यवाही बड़ा बाबू और सहायकों पर हो।

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