विपक्ष स:शक्त विकल्प बनाने में एकजुट : शरद यादव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 15 सितंबर 2017

विपक्ष स:शक्त विकल्प बनाने में एकजुट : शरद यादव

oppositions-united-in-making-strong-alternative-sharad
जयपुर 14 सितम्बर, सांझा विरासत के संयोजक शरद यादव ने केन्द्र सरकार द्वारा संविधान में की जा रही कथित छेड़छाड़ पर आक्रोश व्यक्त करते हुये कहा कि इसके खिलाफ बिखरा विपक्ष एकजुट होकर आम जनता को गोलबंद कर सशक्त विकल्प तैयार कर रहा है, श्री यादव ने आज यहां सांझा विरासत बचाओं सम्मेलन मेंं कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार को बहुमत का अहंकार नहीं करना चाहिये और उन्हें सदेव याद रखना चाहिये कि यह बहुमत बिखरे विपक्ष के कारण है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह भ्रम नहीं पालना चाहिये कि देश में अब कोई विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने 2014 के चुनाव आंकडों का हवाला देते हुये कहा कि मोदीनीत केन्द्र सरकार के पास मात्र 31 प्रतिशत ही जनादेश है तथा शेष 69 प्रतिशत जनादेश बिखरे विपक्ष के पास है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की जनविरोधी और विरोधविहीन षडंयंत्र के खिलाफ विपक्ष एकजुट हो गया है और अब वह उसे कडी चुनौती दे रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा को यह नहीं भुलना चाहिये कि व्यवस्था में परिवर्तन के लिये विकल्प हर समय रहता है और जनता समय आने पर इसका चुनाव स्वयं ही करती है। देश की आजादी के संघर्ष का उदाहरण देते हुये उन्होंने बताया कि 1857 में शुरू हुआ यह संघर्ष 1947 में पूरा हुआ था। उन्होंने युवाओं का भी आह्वान किया कि वह गांव गांव जाकर मोदी सरकार की नीतियों का विरोध करते हुये जन जागरण करें। राजस्थान में आयोजित सांझा विरासत अभियान के तीसरे इस सम्मेलन में देश के 15 पार्टियों की राजनैतिक पार्टियों ने भाग लिया । इस सम्मेलन का आयोजन मुख्य विपक्ष कांग्रेस ने किया जिसमें शरद यादव के अलावा माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के अतुल कुमार, एनसीपी के तारिक अनवर, जेडीयू के अनवर असांरी और मनोज झा , टीएमसी सुखिंदर शेखर राय , कांग्रेस के आनंद शर्मा, आरएलडी के जयंत सिन्हा , प्रकाश अंबेडकर सहित कई नेताओं ने भाग लिया। इस सम्मेलन में केन्द्र सरकार की नोटबंदी , जीएसटी, जन विरोधी नीतियों के साथ ही संविधान में की जा रही कथित छेड़छाड़ को लेकर कठघरे में खड़ा किया गया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र एवं लोकशाही इस देश की पहचान है और सविंधान के तहत सत्तारूढ़ दल की यह जिम्मेदारी है कि वह चुनावों में किये गये अपने वायदों को पूरा करें। उन्होंने स्वीकार किया कि बिखरे विपक्ष को एकजुट करना बडी चुनौती है लेकिन मुल्क में लगातार बढ़ रही बेचैनी, आक्रोश और जनभावना शीघ्र ही इसे एकजुट कर देगी।

कोई टिप्पणी नहीं: