जल प्रदाय वाले स्त्रोतों पर मूर्ति विसर्जन न करें
म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी गणमान्य नागरिकों से अनुरोध किया है कि जल की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़े इसलिए जल प्रदाय वाले स्त्रोतों पर मूर्तियों का विसर्जन नहीं किया जाये। प्रतिमाओं के विसर्जन हेतु आवश्यकतानुसार जल स्त्रोत (नदियों/तालाब) में निश्चित किये गये स्थानों पर ही विसर्जन करें, जिससे अन्य नदियों एवं तालाबों को प्रदूषण से बचाया जा सके। प्रतिमाओं के साथ लाये गये उनके वस्त्र, पूजन सामग्री, प्लास्टिक का सामान पॉलीथीन बेग्स एवं अनावश्यक सामग्री को तालाब एवं नदियों में नहीं डाला जाये। विसर्जन के पूर्व इस प्रकार की सामग्रियों को प्रतिमाओं से हटा लिया जाये। प्रतिमा विसर्जन हेतु निर्मित अस्थाई तालाब (कुण्ड) में मूर्ति विसर्जन कराया जाये। ऐसे स्थलों के चारों ओर सुरक्षा घेरा तथा तल में सिन्थेटिक लाइनर लगाया जाये जिसमें विसर्जन उपरांत बचे हुए अवशेषों को किनारे पर लाकर व मिट्टी इत्यादि को लैण्ड फिल में डाला जाये तथा लकडी व बांस को पुनः उपयोग किया जाये। मूर्ति विसर्जन के बाद 24 घण्टे के अन्दर जल स्त्रोतों में विसर्जित फूल, वस्त्र, सजावटी सामान (रंगीन कागज एवं प्लास्टिक वस्तुओं) को निकाल लिया जाए जिससे जल जीवन पर मूर्ति विसर्जन का न्यूनतम विपरीत प्रभाव पड़े एवं मूर्ति विसर्जन स्थलों के पास ठोस अपशिष्ट को नहीं जलाया जाये।
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