- पितृसत्ता और पूंजीवाद की एकता फासीवाद को जिन्दा रखने में सहायक : प्रो॰ ठाकुर
- संविधान की प्रस्तावना पर हो रहे हमले, छात्रों की भूमिका निर्णायक : प्रो॰ चौधरी
पटना:- आॅल इण्डिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन ने आज आयोजित और बी॰एम॰ दास रोड स्थित मैत्री-शांति भवन में सेमिनार आयोजित किया। ”अक्टूबर क्रांति का संदेश और आज का भारत“ विषयक आयोजित सेमिनार में मगध महिला काॅलेज की प्राचार्या प्रो॰ पद्मलता ठाकुर ने कहा कि पितृसत्ता एवं पूंजीवाद की एकता फासीवाद को जिन्दा रखने में सहायक है। पितृसत्ता और पूंजीवाद दोनों हाथ में हाथ मिलाकर फासीवाद के लिए खाद पानी मुहैया कराते हैं। मुसोलिनी महिला की तरह है। युद्ध साम्राज्यवादियों के लिए आवश्यक है लेकिन अक्टूबर क्रांति का संदेश इसके खिलाफ है। सेक्युलरिज्म को भारत की विशेषता बताया। पटना काॅलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो॰ नवल किशोर चैधरी ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना मंे निहित समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता एवं लोकतंत्र पर खतरे बढ़े हैं। फासीवादी शक्तियों को पराजित करने के लिए वाम जनवादी ताकतों की एकता आवश्यक है लेकिन इनके अंदर भी कितना लोकतांत्रिक माहौल कायम है। इस पर भी सवाल करना होगा। उन्होंने कहा कि सवाल कर उत्तर पूछना होगा और उत्तर में भी सवाल तलाशना होगा। इस्कफ के राज्य महासचिव रवीन्द्र नाम राय ने कहा कि रूसी क्रांति का संदेश पूरी दुनिया के अंदर मानवता के पक्ष में खड़ा रहने के लिए जाना जाता है। रूसी क्रांति के बाद रूस के अंदर स्थापित समाजवाद ने न केवल रूस बल्कि पूरी दुनिया के अन्दर रौशनी दी। विषय प्रवेश करते हुए इस्कफ के राज्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि अक्टूबर क्रांति के बाद बनी ऐसी सरकार ने भारत सहित दुनिया के अंदर आजादी के आंदोलन को ताकत दी। रूसी क्रांति का संदेश राष्ट्रीयकरण के पक्ष मंे था जबकि आज की भारतीय सरकार निजीकरण के पक्ष में खड़ी है।
अध्यक्षता ए॰आई॰एस॰एफ॰ के जिलाध्यक्ष राजीव किशोर ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन लाॅ काॅलेज अध्यक्ष मंगल राज ने किया। इस दौरान प्रो॰ हर्षवर्द्धन सिंह, ए॰आई॰एस॰एफ॰ के राज्य सचिव सुशील कुमार, राज्य सह सचिव रंजीत पंडित, जिला सचिव सुशील उमाराज, पीयू अध्यक्ष राकेश प्रसाद, पीयू सचिव मुकेश कुमार यादव, जिला उपाध्यक्ष जन्मेजय कुमार, जिलाध्यक्ष राजीव रंजन, सह सचिव विकास कुमार, बिरजुन कुमार भारती, अनुष्का कुमारी, सुभाष पासवान, समरीन, रवि, राजेश, आदर्श सहित दर्जनों छात्र-छात्राएँ मौजूद थे।
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