कोलकाता, 27 नवम्बर, आईआईटी खड़गपुर संकाय ने रोचेस्टर विश्वविद्यालय और आईसीटीएस, बेंगलुरू के सहयोग से किये एक शोध में भावी प्रौद्योगिकी विकास के लिए मार्ग प्रशस्त किया है। आईआईटी खड़गपुर ने इसे एक महत्वपूर्ण अनुसंधान बताते हुए आज एक बयान में कहा कि इसने बड़ी मात्रा में उपकरणों के विकास के लिए संभावनाओं को खोल दिया है। वर्ष 2016 में आईआईटी केजीपी में भौतिकी विभाग में शामिल हुई प्रोफेसर सजल धारा ने अपने सहयोगियों के साथ पोलारिटोन्स के कई नकारात्मक कणों की खोज की जो आधे प्रकाश और आधे पदार्थ से बने हैं। बयान के अनुसार रोचेस्टर विश्वविद्यालय में अपने सहयोगियों के साथ प्रो.धारा ने और आईसीटीएस (इंटरनेशनल सेंटर फॉर थियोरिटकल साइंस) ने इस तरह के कणों में ऐसी नई खोज की जिससे भावी प्रौद्योगिकी विकास की ओर आगे बढ़ने में काफी मदद मिलेगी। यह अनुसंधान ‘नेचर फिजिक्स’ के अक्तूबर 2017 के अंक में छपा है।
सोमवार, 27 नवंबर 2017
भावी प्रौद्योगिकी विकास के लिए अनुसंधान
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