स्वास्थ्य : टीबी का टीका विकसित करने की दिशा में वैज्ञानिकों ने की अहम खोज - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 27 नवंबर 2017

स्वास्थ्य : टीबी का टीका विकसित करने की दिशा में वैज्ञानिकों ने की अहम खोज

new-inventionb-of-tb
लंदन, 27 नवंबर, वैज्ञानिकों ने विश्व के सबसे घातक, संक्रामक क्षय रोग (टीबी) के खिलाफ एक प्रभावशाली टीका विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण खोज की है। अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि टीबी के कारण हर वर्ष विश्वभर में अनुमानित 17 लाख लोगों की मौत होती है। किसी अन्य संक्रमण की तुलना में टीबी के कारण मरने वालों लोगों की संख्या सर्वाधिक है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी पर एंटीबायोटिक्स का असर समाप्त होता जा रहा है लेकिन वैश्विक स्तर पर 20 वर्षों के लगातार प्रयासों के बावजूद कोई प्रभावशाली टीका विकसित नहीं हो पाया है। हालिया प्रयासों में संक्रमण से लड़ने के लिए आवश्यक परंपरागत मानवीय टी कोशिका की माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्युलोसिस (एमटीबी) में पाए जाने के वाले प्रोटीन के अंशों पर प्रतिक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया गया। टी कोशिका श्वेत रक्त कोशिका है और एमटीबी वह जीवाणु है जिसके कारण टीबी होता है। इंग्लैंड में साउथैम्पटन और बांगोर विश्वविद्यालयों के अनुसंधानकर्ताओं ने अब बताया है कि विशेष प्रकार के लिपिड अन्य ‘गैरपरंपरागत’ प्रकारों की टी कोशिकाओं की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को सक्रिय कर सकते हैं। पत्रिका पीएनएएस में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार टीम ने दिखाया कि लिपिड के समूह, जिन्हें माइकोलिक एसिड कहा जाता है वे प्रतिरोधी प्रतिक्रिया तय करने में अहम हो सकते हैं। ये एसिड एमटीबी कोशिका के अहम घटक हैं। साउथैम्पटन विश्वविद्यालय के सालाह मंसौर ने कहा, ‘‘यह टीबी के मरीजों के लिए संभावित चिकित्सकीय प्रभावों के संबंधों में उत्साहित करने वाली खोज है।’’ उन्होंने कहा कि इससे टीका विकसित करने की मुहिम में मदद मिल सकती है। 

कोई टिप्पणी नहीं: