प्रद्युम्न फाउंडेशन शुरू करेगा बाल-भयमुक्ति आंदोलन : बरुण ठाकुर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 5 नवंबर 2017

प्रद्युम्न फाउंडेशन शुरू करेगा बाल-भयमुक्ति आंदोलन : बरुण ठाकुर

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नई दिल्ली 5 नवंबर, देश के करोड़ों स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करवाने के मकसद से नवगठित ट्रस्ट प्रद्युम्न फाउंडेशन बाल दिवस पर बाल-भयमुक्ति आंदोलन शुरू करेगा। यह जानकारी रविवार को आंदोलन के अगुआ और गुरुग्राम स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल में गला रेतकर मारे गए सात वर्षीय छात्र प्रद्युम्न के पिता बरुण चंद्र ठाकुर ने दी। बरुण चंद्र ठाकुर ने आईएएनएस से बातचीन में कहा कि प्रद्युम्न फाउंडेशन का मूल उद्देश्य बच्चों को भयमुक्त माहौल प्रदान करने के साथ-साथ उनके लिए सुरक्षा, स्वास्थ्य, कल्याण, आश्रय, दृढ़ता, समझदारी, संरक्षण, निगरानी, आत्मविश्वास व सहूलियत भी सुनिश्चित करवाना है। उन्होंने कहा कि 8 सितंबर की घटना के बाद भी बच्चों के साथ दुर्व्यवहार के आपराधिक मामले प्रकाश में आए हैं। इससे जाहिर है कि स्कूलों में लापरवाही कम नहीं हुई है। लिहाजा, बच्चों की सुरक्षा जैसे गंभीर मसले को लेकर ठोस कदम उठाने की जरूरत है। यह तभी होगा जब देशभर से इसपर आवाज उठेगी। इसलिए उन्होंने बाल भय-मुक्ति आंदोलन शुरू करने का फैसला लिया है। बरुण ठाकुर ने कहा, "विद्या के मंदिर में निर्ममता से गला काटकर मेरे बेटे की हत्या कर दी गई। इससे जाना जा सकता है कि स्कूलों में हमारे बच्चे किस माहौल में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। मैं अपना बेटे खो चुका हूं। अब मेरे जीवन का बस एक ही मकसद है कि फिर कोई प्रद्युम्न हत्या का शिकार न हो और इसके लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा।" प्रद्युम्न फाउंडेशन के प्रेसिडेंट और शिक्षाविद डा. बीरबल झा का कहना है कि प्रद्युम्न की हत्या के बाद देशभर में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चर्चा छिड़ गई है और हर माता-पिता व अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित है। डॉ. झा ने कहा, "देश का भविष्य भावी पीढ़ी से तय होता है। यह बात हमने अतीत से सीखी है। हमारे बच्चों की परवरिश अगर भय के माहौल में होगा तो उसका चरित्र निर्माण नहीं हो पाएगा और यह देश के भविष्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए राष्ट्र निर्माण के लिए बच्चों का भविष्य संवारना जरूरी है।" सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता और बरुण ठाकुर के कानूनी परामर्शदाता सुशील टेकरीवाल बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर गहन व समग्र राष्ट्रीय नीति की आवश्यकता बतलाई और कहा कि इस विषय पर संसद में जल्द एक विधेयक लाना चाहिए।

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