उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग का कारनामा : अधूरे शपथपत्र भरवाए उम्मीदवारों से - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 25 नवंबर 2017

उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग का कारनामा : अधूरे शपथपत्र भरवाए उम्मीदवारों से

  • मौलिक भारत ने दर्ज की शिकायत, भेजा प्रतिवेदन

up-election-commission-half-work
मौलिक भारत संस्था ने अपने सदस्यों  नीरज सक्सैना (एडवोकेट), अनुज अग्रवाल, संजीव गुप्ता (इंजीनियर), विक्रम चौधरी, घनश्याम लाल शर्मा, एवं तिलक राम पांडेय    के द्वारा उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग को कल एक शिकायत दर्ज कराई और आयोग द्वारा स्थानीय निकाय चुनावों में उम्मीदवारों द्वारा अधूरे शपथ पत्र भरवाने पर आपत्ति दर्ज की। मौलिक भारत ने केंद्रीय चुनाव आयोग के शपथ पत्र और राज्य चुनाव आयोग के शपथ पत्र का तुलनात्मक अध्ययन देते हुए स्पष्ट किया कि किन किन बिंदुओ पर प्रदेश का चुनाव आयोग उम्मीदवारों से जानकारी लेने में असफल रहा है, जो कि एक प्रकार से मतदाता के साथ धोखा है। संस्था के ट्रस्टी नीरज सक्सेना और अनुज अग्रवाल ने बताया कि शपथपत्र भरवाने का उद्देश्य यह होता है कि मतदाता अपने क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार की वास्तविक स्थिति जांचकर सही उम्मीदवार को वोट दे सकें। किंतु जब आयोग ही सारी जानकारी नहीं ले पा रहा तो ऐसे में मतदाता किस प्रकार उपयुक्त उम्मीदवार का चुनाव कर पायेगा। ऐसे में अक्षम और अयोग्य लोग चुन लिए जाएंगे जो लोकतंत्र और देश के संविधान के प्रति अन्याय होगा।

इसीलिए संस्था मांग करती है कि सभी उम्मीदवारों से केंद्रीय चुनाव आयोग के शपथ पत्र के प्रारूप के अनुरूप शपथपत्र भरवाए जाएं।   लोकसभा, विधान सभा, राज्य सभा इत्यादि चुनावों से पूर्व प्रत्येक प्रत्याशी द्वारा नामांकन भरते समय शपथ पत्र (AFFIDAVIT) भरना अनिवार्य है। शपथ पत्र में प्रत्याशी आपराधिक मुकदमों, अपनी व् परिवार के सदस्यों की आयकर सम्बंधित जानकारी, व्यापार /पेशा, अपनी शैक्षिणिक योग्यता , अपनी व परिवार के सदस्यों (पत्नी एवं आश्रितों) की चल अचल संपत्ति जैसे कि नकद धनराशि, बैंक एवं अन्य संस्थान में जमा धनराशि, फिक्स्ड डिपॉज़िट्स, बांड्स, शेयर्स, डिबेंचर्स, म्युचुअल फंड, राष्ट्रीय बचत योजना, पोस्ट आफिस जमा, बीमा पॉलिसी, प्रोविडेंट फंड इत्यादि का मूल्य, वाहन, सोना, चांदी, अन्य कीमती वस्तुएं का मूल्य, विरासत में मिली संपत्ति का पता, पूर्ण माप एवं बाज़ारू मूल्य, अचल संपत्ति जैसे कि कृषि भूमि, गैर कृषि भूमि, व्यवसियिक भवन, रिहयशी भवन, फ्लैट, इमारत इत्यादि का (पता सहित) खरीदे जाने की तिथि पर मूल्य, का वर्तमान बाज़ारू मूल्य, चल अचल सम्पत्तियों में हित (INTEREST) तथा प्रत्याशी द्वारा लिए गए ऋण व सरकारी देनदारियों एवं अन्य कई जानकारियां शपथ पर घोषणा करना अनिवार्य होता है और विभिन्न निर्वाचन आयोगों का दायित्व होता है कि समय रहते प्रत्याशियों की सम्पूर्ण जानकारी वेबसाइट समेत सभी माध्यमों से मतदाता तक पहुँच जाय जिससे कि वह निर्वाचन में सही उम्मीदवार का चुनाव कर सके और निर्वाचन आयोग की संस्तुति पर (पूर्व निश्चित मानदंडों पर आधारित) प्रत्याशियों के शपथ पत्रों में घोषित संपत्ति की आयकर विभाग द्वारा जाँच की जा सके।

तीनों चरणों में नगर निकाय निर्वाचन-2017 की मतगणना/परिणाम (दिनाँक 01-12-2017) को घोषित किये जाने से पूर्व चुनाव में नामांकन भरने वाले सभी प्रत्याशियों से संशोधित प्रपत्र-7 शपथ पत्र पुनः भरवाया जाय और आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किये जाएँ जिससे कि मतदाता और गैर-राजनैतिक संगठन सभी शपथ पत्रों की सत्यता की जाँच करे सकें और झूठे पाए जाने पर न्यायालयों में मुकदमा/चुनाव याचिका दर्ज करवा सकें।, उसी अनुरूप सजा के प्रावधान हो (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम-1959 की धारा 48 'निर्वाचन अपराध' के अंतर्गत 'The Representation of the People Act, 1951' की धारा 125A, (झूठा शपथ पत्र दाखिल करने पर छह महीने तक का कारावास) के दंड का प्रावधान शामिल किया जाय।) , 

 साथ ही उनके जांच की जो प्रक्रिया केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने तय की है उसे भी स्थानीय निकायों के चुनावों में लागू किया जाए (भारत निर्वाचन आयोग, नयी दिल्ली के संलग्नक 3 : पत्र संख्या 76/ECI/LET/EEM/EL.Ex/IED/EEPS/2017Vol-I दिनांक 23-3- 2017की तर्ज़ पर नगर निकाय निर्वाचन-2017 में भाग लेने वाले सभी प्रत्याशियों के शपथ पत्रों में घोषित सम्पत्तियों की निश्चित मानदंडों पर जाँच किये जाने हेतु उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आयकर विभाग से निवेदन किया जाय।)  ताकि झूठी सूचना दे चुनाव जीतने वाले पकड़े जा सके और उनको सजा दिलवाई जा सके। साथ ही आयोग यह भी सुनिश्चित करे कि सभी शपथ पत्र आयोग की वेबसाइटों पर जनता के लिए उपलब्ध हों। संस्था इस शिकायत पत्र को सभी केंद्रीय विभागों सहित उत्तर प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को भी भेज रही है।

कोई टिप्पणी नहीं: