पटना पुस्तक मेला दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ लोगों को प्रेरित करे : नीतीश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 3 दिसंबर 2017

पटना पुस्तक मेला दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ लोगों को प्रेरित करे : नीतीश

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पटना, 02 दिसम्बर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि राज्य में नशामुक्ति के साथ दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ सरकार के अभियान में लोगों के सहयोग से ही समाज में बदलाव लाया जा सकता है। श्री कुमार ने यहां बिहार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग और सेंटर फॉर रीडरशिप डेवलपमेंट की ओर से सम्राट अशोक कन्वेंशन केन्द्र स्थित ज्ञान भवन में आयोजित 24 वें पटना पुस्तक मेला का उद्घाटन करते हुए कहा कि पटना पुस्तक मेला दुनिया के 10 शीर्ष पुस्तक मेला में शामिल है और दिल्ली, कोलकाता के बाद देश का यह तीसरा सबसे बड़ा पुस्तक मेला है। उन्होंने कहा कि पुस्तक मेला में पिछली बार राज्य सरकार के सात निश्चय को बेहतर तरीके से लोगों के सामने रखा गया और इस बार सरकार ने नशामुक्ति के साथ-साथ दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ जो अभियान छेड़ी है, उसके प्रति भी लोगों को इस मेले में अनेक माध्यमों से प्रेरित किया जाए ताकि बिहार से इन सामाजिक कुरीतियों को खत्म किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि गाँधी जयंती के मौके पर बाल विवाह, दहेज प्रथा उन्मूलन के साथ ही बिहार को नशामुक्त बनाने का एक सशक्त अभियान शुरू किया गया है। इसे पूरी मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए हर किसी को सहयोग के लिये आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि शराबबंदी से लोगों को थोड़ी परेशानी जरुर हुई है। कुछ लोग इसे मौलिक अधिकार और अपनी आजादी से जोड़कर देखते हैं लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने भी कहा है कि शराब पीना या शराब का व्यापार करना मौलिक अधिकार नहीं है। 

श्री कुमार ने कहा कि बहुत लोग मानते थे कि बिहार में शराब पीना, पिलाना बंद होने के बाद पर्यटकों की संख्या में कमी आएगी लेकिन जब से बिहार में शराबबंदी लागू हुई है न सिर्फ पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है बल्कि कई नए होटल भी पटना के साथ ही पूरे बिहार में खुले हैं। उन्होंने कहा कि इन सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ शुरू किये गये सरकार के अभियान का लोग पूरा समर्थन कर रहे हैं । मुख्यमंत्री श्री कुमार ने इस मौके पर झारखंड के संसदीय कार्य एवं खाद्य उपभोक्ता संरक्षण मंत्री सरयू राय की पुस्तक ‘समय का लेख’ का लोकार्पण करते हुए कहा कि श्री राय ने दामोदर और सोन नदी पर काफी काम किया है, इसलिए गंगा की अविरलता और निर्मलता दोनों बरकरार रहे, इस दिशा में भी उन्हें ध्यान देना चाहिए क्योंकि बिना निर्मलता के गंगा की अविरलता का कोई मतलब नहीं रहेगा।  समारोह को श्री सरयू राय, शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, कला संस्कृति मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, सांसद हरिवंश, पद्मश्री एवं साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखिका उषा किरण खान, आद्री के सदस्य सचिव शैवाल गुप्ता ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर बिहार विधान परिषद के पूर्व सभापति अवधेश नारायण सिंह, विधायक श्याम रजक, विधान पार्षद रामवचन राय, पूर्व विधान पार्षद हरेन्द्र पाण्डेय और राजीव रंजन, कला संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद और नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति आर0के0 सिन्हा भी उपस्थित थे। 

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