नयी दिल्ली 04 दिसंबर, अंतर्राष्ट्रीय साख निर्धारक एजेंसी फिच ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास अनुमान 6.9 प्रतिशत से घटाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है। सरकार द्वारा पिछले सप्ताह जारी दूसरी तिमाही के आर्थिक विकास के आरंभिक आँकड़े फिच की उम्मीद से कमजोर रहने के बाद एजेंसी ने अपना संशोधित अनुमान जारी किया है। पहली तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही थी। फिच ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भी विकास अनुमान 7.4 फीसदी से घटाकर 7.3 फीसदी कर दिया है। उसकी रिपोर्ट में कहा गया है “अर्थव्यवस्था में सुधार हमारी उम्मीद से कम रहा और इसलिए हमने मार्च 2018 में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास अनुमान 6.9 प्रतिशत से घटाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है। हालिया तिमाहियों में वृद्धि दर ने “लगातार निराश किया है”, जिसका कारण विशेष रूप से पिछले साल नवंबर में की गयी नोटबंदी और इस साल जुलाई में लागू किये गये वस्तु एवं सेवा कर के कारण उत्पन्न उथल-पुथल हैं।” फिच ने यह भी कहा है कि सरकार के हालिया कदमों से विकास परिदृश्य को समर्थन मिलने और कारोबारी विश्वास बढ़ने की उम्मीद है। उसने कहा है कि मुद्रास्फीति फिलहाल कम बनी हुई है और डॉलर के मुकाबले रुपये का ग्राफ ऊपर की ओर जा रहा है।
मंगलवार, 5 दिसंबर 2017
फिच ने भारत का विकास अनुमान घटाया
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