सूरत, 2 दिसम्बर, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को कर आतंकवाद करार देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि नोटबंदी के साथ मिलकर इसने सूरत में 31,000 से ज्यादा नौकरियां छीन ली हैं। उन्होंने आश्चर्य जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने फैसले से गरीबों को हुए दर्द को समझ नहीं पाए। सिंह ने यहां टेक्सटाइल हब में कहा कि मोदी दावा करते हैं कि वह गुजरात और गरीबों को 'किसी दूसरे से ज्यादा' समझते हैं, तो यह कैसे हुआ कि 'वह अपने फैसले से होने वाले गरीबों के दर्द को कभी समझ नहीं पाए।' सूरत टेक्सटाइल हब की भावना और जीएसटी के कार्यान्वयन के खिलाफ उनके विरोध प्रदर्शन पर सिंह ने कहा, "सूरत ने राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार के इस अन्याय के खिलाफ भारत के विरोध को आवाज दी है। आखिरकार आप दो महान आत्माओं महात्मा गांधी और सरदार बल्लभभाई पटेल की धरती के हैं।" उन्होंने कहा, "दांडी आपके पास ही है, जहां से महात्मा गांधी ने नमक पर अन्यायपूर्ण ब्रिटिश कर के खिलाफ आवाज उठाने का फैसला किया था। अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना आपके खून में है, जिसे आपने जीएसटी के खराब निष्पादन के खिलाफ एक बार फिर दिखाया है।"
शनिवार, 2 दिसंबर 2017

मौजूदा जीएसटी कर आंतकवाद : मनमोहन
Tags
# देश
# राजनीति
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
राजनीति
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें