- तमाम कोशिशों के बावजूद 99 पर सिमटी भाजपा.
पटना 18 दिसंबर 2017, भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि गुजरात चुनाव में वहां की जनता ने भाजपा को करारा जबाव दिया है. जो भाजपा 150 सीटों का दंभ भर रही थी, वह महज 99 सीटों पर सिमट गयी है. भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए ‘गुजरात माॅडल’ से लेकर बुलेट ट्रेन, सी प्लेन तथा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए औरंगजेब से लेकर पाकिस्तान तक जैसे विषयों को चुनावी मुद्दा बनाया, फिर भी वह 99 तक ही पहुंच पाई. भाजपा के इस अहंकार का करारा जवाब देने के लिए भाकपा-माले गुजरात की जनता को बधाई देती है. इस अहंकार को तोड़ने में दलित-वंचितों, मजदूरों-किसानों-व्यापारियों और महिलाओं की बड़ी भूमिका रही है. गुजरात चुनाव ने देश में व्याप्त भय के माहौल को भी मजबूती से तोड़ा है और डर व नफरत से स्वतत्रंता, बदलाव व लोकतंत्र के लिए आने वाले संघर्षों का नया टोन भी सेट किया है. निश्चित तौर पर गुजरात चुनाव के नतीजोें से भाजपा के सांप्रदायिक उन्माद की राजनीति के खिलाफ जनसंघर्षों की आवाज को नई ताकत मिली है. इसी कड़ी में गुजरात के रैडिकल युवा नेता जिग्ेनश मेवाणी की जीत भी शामिल है. हमारी पार्टी ने जिग्नेश का समर्थन किया था और हमारी पार्टी के विधायक सुदामा प्रसाद व अन्य नेता उनके चुनाव प्रचार में गुजरात भी गये थे. जिग्नेश मेवाणी की जीत समाज के कमजोर वर्ग की जीत है. जनता की आवाज गुजरात विधानसभा में पहुंची है. हिमाचल में भाजपा-कांग्रेस के ध्रुवीकरण के बीच एक सीट पर सीपीआईएम की जीत भी स्वागतयोग्य है.
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