थम गया पहले चरण के प्रचार का शोर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 7 दिसंबर 2017

थम गया पहले चरण के प्रचार का शोर

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गांधीनगर, 07 दिसंबर, गुजरात विधानसभा के लिए पहले चरण में नौ दिसंबर को 89 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए प्रचार आज अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की सभाओं और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पलटवार के बीच शाम पांच बजे समाप्त हो गया। इसके बाद अब सत्तारूढ भाजपा और मुख्य विपक्षी कांग्रेस के उम्मीदवारों समेत सभी 977 प्रत्याशी कुल 2़ 12 करोड मतदाताओं को लुभाने के लिए घर घर जाकर संपर्क में जुट गये हैं। भाजपा के प्रचार की मुख्य कमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ही संभाल रखी थी और 19 चुनावी रैलियां कीं जबकि कांग्रेस के सबसे बड़े प्रचारक राहुल गांधी रहे और ताबड़तोड़ दौरे और रैलियां की। भाजपा ने वैसे तो विकास को मुख्य मुद्दा बनाने का दावा किया पर कांग्रेस की ओर से इस दावे पर हमले और विकास गांडो थयो छे (विकास पागल हो गया है) के सोशल मीडिया अभियान के बाद प्रचार के मुद्दों में कई बदलाव दिखे। कांग्रेस ने जीएसटी और नोटबंदी को खूब उछाला तो भाजपा ने हुं विकास छुं हुं गुजरात छुं यानी मै विकास हूं मै गुजरात हूं के सूत्र वाक्य से बाद में इस पर आक्रामक पलटवार किया। अंतिम क्षणों में राममंदिर का मुद्दा भी एक बार फिर चुनाव में उछला। पाटीदारों को आरक्षण का मुद्दा बाद में हाशिये पर चला गया। इसमें राहुल के मंदिर दौरों पर भी खूब आरोप प्रत्यारोप लगे, उनके धर्म को लेकर भी सवाल उठे। कांग्रेस ने सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर भी प्रहार किये जबकि श्री मोदी ने गुजराती कार्ड खेलते हुए कांग्रेस पर गुजरात विरोधी होने के आरोप मढ़े और सरदार पटेल की कथित उपेक्षा की बार बार चर्चा की। कांग्रेस ने राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य की लचर स्थिति और निजीकरण तथा बेरोजगारी और मोदी और भाजपा सरकार की उद्योगपतियों से नजदीकी के मुद्दों को बार बार उठाया। चुनाव प्रचार समाप्त होने के पहले अंतिम दिन श्री मोदी को कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के नीच कहने का मुद्दा भी जोर से उछला।

भाजपा ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, चुनाव प्रभारी सह वित्त मंत्री अरूण जेटली, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, गृह मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई मंत्रियों, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहाण को भी प्रचार में लगाया था। कांग्रेस ने भी पूर्व केंद्रीय मंत्रियों गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, पी चिदंबरम आदि के अलावा युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, सचिन पायलट से भी प्रचार कराया । इस बार फिल्मी सितारों का अधिक बोलबाला नहीं रहा। अभिनेता से नेता बने भाजपा के सांसद परेश रावल, भोजपुरी स्टार मनोज तिवारी और प्रत्याशी सह गुजराती फिल्म अभिनेता हितू कनोडिया और उनके पिता नरेश कनोडिया तथा कांग्रेस की ओर से राज बब्बर और नगमा ने प्रचार किया। समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और बसपा की सुश्री मायावती भी अंतिम समय में प्रचार में कूद पड़े। भाजपा का खुलेआम विरोध कर रहे पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल ने कई रोड शो और सभाएं की। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी चुनावी माहौल में कुछ रोड शो किये। प्रचार के अंतिम दौर में तूफान ओखी के असर से खराब हुए मौसम ने खलल डाला और पांच तथा छह दिसंबर को कई चुनावी सभाएं नहीं हो सकीं।

पहले चरण में दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र के 19 जिलों में चुनाव होना है। इसके लिए 57 महिलाओं समेत कुल 977 उम्मीदवार मैदान में हैं। सत्तारूढ भाजपा ने सभी 89 सीटों पर जबकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने 87 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। बसपा ने 64, सपा ने चार, श्री वाघेला के जन विकल्प मोर्चा ने 48, आप ने 21, जदयू ने 14, राकांपा ने 30 और शिवसेना ने 25 प्रत्याशी उतारे हैं। 443 निर्दलीय हैं। पहले चरण में प्रमुख चेहरों में राजकोट पश्चिम सीट से मुख्यमंत्री श्री रूपाणी, भावनगर पश्चिम से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघाणी, पोरबंदर से भाजपा के बाबू बोखिरिया तथा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया तथा मांडवी से कांग्रेस के शक्तिसिंह गोहिल शामिल हैं। कुल 182 सीटों वाली विधानसभा की शेष 93 सीटों (उत्तर और मध्य गुजरात के 14 जिलों की) पर दूसरे और अंतिम चरण में 14 दिसंबर को चुनाव होगा। मतगणना 18 दिसंबर को होगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी बी बी स्वैन ने पत्रकारों को बताया कि मतदान से 48 घंटे पहले प्रचार बंद करने के नियम के तहत कल शाम पांच बजे यह बंद हो गया। इसके बाद कोई अनधिकृत बाहरी व्यक्ति चुनाव क्षेत्र में नहीं रह सकता। मतदान नौ तारीख को सुबह आठ बजे से पांच बजे तक होगा। क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे छोटा क्षेत्र कारंज जबकि सबसे बड़ अब्डासा है। वोटरों की संख्या के लिहाज से सूरत उत्तर सबसे छोटा तथा कामरेज सबसे बड़ा है। पचास प्रतिशत वोटर 40 प्रतिशत से कम उम्र के हैं।

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