सोल, सात दिसंबर, अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास को लेकर उत्तर कोरिया की नाराजगी जारी है और उसका कहना है कि कोरियाई प्रायद्वीप पर परमाणु युद्ध को लेकर कोई ‘अगर मगर वाली बात नहीं है’ बल्कि अब यह देखना है कि युद्ध होगा तो कब होगा। इन टिप्पणियों को विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता की ओर से किया गया बताया जा रहा है जिसमें उत्तर कोरिया ने दावा किया है कि सीआईए निदेशक माइक पोंपियो समेत अमेरिका के शीर्ष अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका युद्ध चाहता है जो कि उसके द्वारा लगातार की जा रही “युद्ध टिप्पणियों” से जाहिर होता है। पोंपियो ने शनिवार को कहा था कि अमेरिका खुफिया एजेंसियों का मानना है कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन को इसका जरा भी इल्म नहीं है कि उसकी स्थिति अपने ही घर में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कितनी कमजोर है। उत्तर कोरिया के प्रवक्ता ने कहा है कि पोंपियो ने “हमारे सर्वोच्च नेतृत्व की धृष्टतापूर्व आलोचना की है।” प्रवक्ता ने कहा, “अमेरिका द्वारा बड़े स्तर पर किए जा रहे परमाणु युद्ध अभ्यास कोरियाई प्रायद्वीप को छोड़कर जाने जैसी स्थिति पैदा कर रहे हैं और ऐसी स्थितियों के बीच अमेरिकी शीर्ष नेताओं की ओर से की जा रही हिंसक युद्ध टिप्पणियों ने कोरियाई प्रायद्वीप पर युद्ध होना तय कर दिया है।” उन्होंने कहा, “हम युद्ध नहीं चाहते लेकिन इससे भागना भी नहीं चाहते और अमेरिका हमारे धैर्य को गलत समझेगा और परमाणु युद्ध के लिए चिंगारी भड़काएगा तो हम अपनी परमाणु ताकत से अमेरिका को अच्छा सबक सिखाएंगे, जिस ताकत को हम लगातार मजबूत बना रहे हैं।” यह टिप्पणियां कोरियाई केंद्रीय समाचार एजेंसी के हवाले से बुधवार रात सामने आईं। इससे कुछ घंटे पहले ही अमेरिका ने संयुक्त हवाई अभ्यास के तहत दक्षिण कोरिया के ऊपर से बी-1बी सुपरसॉनिक बमवर्षक विमान उड़ाया था।
गुरुवार, 7 दिसंबर 2017
उत्तर कोरिया ने दावा किया है कि युद्ध तो होकर रहेगा
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