- सबको मालूम है,मैं शराबी नहीं..फिर भी कोई पिलाये तो मैं क्या करूँ....
आर्यावर्त डेस्क, ये जाने माने ग़ज़ल गायक पंकज उधास के लोकप्रिय ग़ज़ल की लाइन हैं. लेकिन अक्सर देखने में मिलता है कि नव वर्ष की पूर्व संध्या और नववर्ष के जश्न में डूबे कई लोग ऐसे बहाने बना कर अत्यधिक शराब का सेवन करते हैं और फिर रंग में भंग की स्थिति बन जाती है. कई बार देखा गया है कि लोग जल्दीबाजी में शराब का सेवन करते हैं ,ऐसी स्थिति से डॉक्टर बचने की सलाह देते हैं. डॉक्टर आर.एल.अग्रवाल और डॉ.महेंद्र प्रसाद के अनुसार शराब सेवन करते समय मात्रा और समय दोनों का ध्यान जरुरी है. जरा सी अनुशासन हीनता से लिवर,पैंक्रियाज ,ब्लड प्रेशर का खतरा उत्पन्न हो सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार कम वक्त में ज्यादा अल्कोहल का सेवन ,जिसे तकनीकी भाषा में बिंज ड्रिंकिंग कहा जाता है ,से नशे की हालत में जीवन से भी हाथ धोना पड़ सकता है. अतः निवेदन है कि नए साल के जश्न में ,जो लोग शराब का सेवन करते हैं,कम मात्रा में सेवन करे,अनुशासन और गरिमा का ध्यान रखें. नशे की हालत में गाड़ी न चलाएं. नए साल का स्वागत जरूर करें परन्तु कोशिश करें कि शराब या अन्य नशीली वस्तुओं का सेवन नहीं करें. ध्यान रहे घर पर आपका और अन्य का परिवार इंतजार कर रहा है.... लाइव आर्यावर्त.कॉम की तरफ से सभी सुधि पाठकों, विज्ञापनदाताओं और शुभचिंतकों को नव वर्ष 2018 की शुभकामनायें..
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