मशहूर शायर अनवर जलालपुरी का निधन, साहित्य जगत में शोक - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 3 जनवरी 2018

मशहूर शायर अनवर जलालपुरी का निधन, साहित्य जगत में शोक

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लखनऊ, 2 जनवरी, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ही नहीं, देश के मशहूर शायर और 'श्रीमद्भागवत गीता' का उर्दू शायरी में अनुवाद करने वाले शायर अनवर जलालपुरी का 71 वर्ष की उम्र में मंगलवार की सुबह यहां के एक अस्पताल निधन हो गया। जलालपुरी के बेटे शाहकार ने पत्रकारों को बताया कि उनके पिता ने मंगलवार सुबह लखनऊ स्थित ट्रॉमा सेंटर में आखिरी सांस ली। उनके परिवार में पत्नी और तीन बेटे हैं। शाहकार ने बताया कि जलालपुरी को 28 दिसंबर को उनके घर में मस्तिष्क आघात (ब्रेन स्ट्रोक) के बाद किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था, जहां सुबह करीब सवा नौ बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। मुशायरों के कुशल संचालक के तौर पर जाने वाले जलालपुरी ने 'भगवद्गीता' और रवींद्रनाथ टैगोर की 'गीतांजलि' का भी उर्दू में काव्यमय अनुवाद किया है। वह अपने पीछे स्वरचित समृद्ध साहित्य छोड़ गए हैं। उनके निधन से साहित्य जगत में शोक पसर गया है। उनके बेटे शाहकार के मुताबिक, अनवर बाथरूम में फिसलकर गिर गए थे और उनके सिर पर चोट आई थी। तब से वह ट्रॉमा सेंटर में वेंटिलेटर पर थे। अस्पताल के प्रवक्ता ने कहा, "सोमवार को उनकी स्थिति खराब हो गई और मंगलवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।" अनवर जलालपुरी को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यश भारती से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें कई पुरस्कार मिले थे। जौनपुर जिले के जलालपुर कस्बे में हाफिज मोहम्मद हारून के पुत्र के रूप में 6 जुलाई, 1947 को जन्मे अनवर जलालपुरी वास्तव में विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। प्राथमिक शिक्षा स्थानीय स्तर पर ग्रहण करने के बाद उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से 1966 में अंग्रेजी, अरबी और उर्दू विषय के साथ स्नातक किया और 1968 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में एमए और अवध विश्वविद्यालय से उर्दू में एमए और जामिया मिल्लिया (अलीगढ़) से अदीब कामिल की डिग्री हासिल करने के बाद परूइया आश्रम सहित कई शिक्षण संस्थानों में प्राइवेट शिक्षक के तौर पर पढ़ाया। बाद में जलालपुर के कॉलेज में अंग्रेजी के प्राध्यापक बने। मेगा टीवी सीरियल 'अकबर द ग्रेट' के लिए उन्होंने गीत और संवाद लेखन का कार्य 1996 में किया था। इसी के साथ हिंदी फिल्म 'डेढ़ इश्किया' में नसीरूद्दीन शाह और माधुरी दीक्षित के साथ शायर और मंच संचालक की भूमिका निभाकर उन्होंेने सोहरत बटोरी। सोहरत का यह सिलसिला अनवर जलालपुरी के जीवन के साथ चलता रहा।

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