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नई दिल्ली 8 जनवरी, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश में अतिक्रमण की घटना सुलझा ली गई है। अरुणाचल में चीन के श्रमिक भारतीय क्षेत्र में रास्ता बनाने के लिए दाखिल हुए थे। उन्होंने यह भी कहा कि डोकलाम इलाके में चीन के सैनिकों की संख्या में खासा कमी हुई है। यहां एक कार्यक्रम से इतर सेना प्रमुख ने कहा कि अरुणाचल की घटना को सुलझा लिया गया है। जनरल रावत ने कहा कि इस मुद्दे पर दो दिन पहले सीमा कर्मचारियों की बैठक (बीपीएम) हुई थी।सिक्किम क्षेत्र में भारत-चीन सीमा पर हालात के बारे में उन्होंने कहा कि वहां चीन की तरफ सैनिकों की संख्या में भारी कमी हुई है। सिक्किम क्षेत्र के डोकलाम में दोनों देश 73 दिन चले गतिरोध में आमने-सामने रहे हैं। चीन का एक सड़क निर्माण दल भारत में 26 दिसंबर 2017 को दाखिल हुआ था और नजदीकी भारत-तिब्बत सीमा पुलिस चौकी से करीब दो किमी दूर एक रास्ते का निर्माण कर रहा था। जब चीन के दल को रोका गया तो करीब 600 मीटर लंबी व 12 फुट चौड़ा रास्ता भारतीय क्षेत्र में बनाया गया था। घटना पर सरकारी रपट के मुताबिक, चीनी मजदूर अनजाने में भारतीय क्षेत्र में दाखिल हुए थे। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवान इस घटना में शामिल नहीं थे। भारतीय सैनिकों ने मजदूरों को खदेड़ दिया और उनका उपकरण जब्त कर लिया। यह मामला डोकलाम विवाद के समाप्त होने के करीब चार महीने बाद सामने आया है। डोकलाम विवाद 16 जून से 28 अगस्त, 2017 तक चला। इससे पहले यहा सेना तकनीकी शिखर सम्मेलन में सेना प्रमुख ने बल के आधुनिकरण पर जोर दिया और कहा कि भारत को भविष्य के युद्धों के लिए तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "प्रत्येक क्षेत्र में हमारे सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की व्यापक जरूरत है।" उन्होंने कहा, "भविष्य के युद्ध मुश्किल क्षेत्रों व परिस्थितियों में लड़े जाएंगे और हमें इसके लिए तैयार रहना होगा।" उन्होंने कहा, "हमें धीरे-धीरे आयातित (रक्षा प्रौद्योगिकी) से दूर होना होगा, क्योंकि हमारे जैसे राष्ट्र के लिए यह सुनिश्चित करने का समय आ गया है कि हम अगला युद्ध स्वदेशी साधनों से लड़ें।"
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