चीन ने अरुणाचल प्रदेश के अस्तित्व को नकारा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 3 जनवरी 2018

चीन ने अरुणाचल प्रदेश के अस्तित्व को नकारा

china-refuge-runachal-status
बीजिंग, 3 जनवरी, चीन ने बुधवार कहा कि उसे कथित तौर दिसंबर में अरुणाचल प्रदेश में अपने सैनिकों की घुसपैठ के बारे में जानकारी नहीं है। इसके साथ ही उसने कहा कि भारत के पूर्वोत्तर में तथाकथित राज्य है ही नहीं।  मीडिया रपटों के मुताबिक, चीन के सैनिक सड़क निर्माण मशीनों के साथ अरुणाचल प्रदेश में बीते साल 200 मीटर तक दाखिल हुए थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, "सबसे पहले भारत के साथ सीमा मुद्दे पर चीन का रुख स्पष्ट व एक जैसा रहा है। हमने तथाकथित अरुणाचल प्रदेश के अस्तित्व को कभी स्वीकार नहीं किया।" उन्होंने कहा, "आप जिस विशेष स्थिति का उल्लेख कर रहे हैं, मुझे इसकी जानकारी नहीं है।" चीन भारत के अरुणाचल प्रदेश को अपना बताता है और इसे दक्षिण तिब्बत कहता है। यह पूर्वोत्तर राज्य 3,448 किमी लंबी अचिन्हित भारत-चीन सीमा के पूर्वी सेक्टर में स्थित है। गेंग ने कहा, "मैं उल्लेख करना चाहता हूं कि चीन व भात के बीच सीमा से जुड़े मामलों के लिए सुव्यवस्थित प्रणाली है। इस प्रणाली के जरिए चीन व भारत सीमा संबंधित अपने मामलों का प्रबंधन कर सकते हैं।" उन्होंने कहा, "सीमावर्ती इलाकों में शांति व स्थिरता चीन व भारत दोनों के हित में है।" बीते साल चीन व भारत के बीच सिक्किम क्षेत्र के डोकलाम में विवाद की वजह से दोनों देशों की सेनाएं दो महीने तक आमने-सामने रहीं। इस संकट का समाधान अगस्त में किया गया और दोनों पक्षों ने दिसंबर में 20 दौर की वार्ता की और विवादित सीमा पर शांति व स्थिरता बनाए रखने की बात कही।

कोई टिप्पणी नहीं: