- महाराष्ट्र में दलित-बहुजनों पर हिंसा के खिलाफ भाकपा-माले का राज्यव्यापी प्रतिवाद.
- हमलावरों के सरगना संभाजी भिडे और मिलिंद एकबोटे को अविलंब गिरफ्तार करो!
पटना 5 जनवरी, महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव में दलितों पर आरएसएस व हिंदुवादी संगठनों द्वारा किए गए बर्बर हमले के खिलाफ भाकपा-माले द्वारा आज राज्यव्यापी विरोध दिवस का आयोजन किया गया. राजधानी पटना सहित पटना ग्रामीण के धनरूआ, दुल्हिनबाजार, मसौढ़ी; सिवान, समस्तीपुर, दरभंगा, पूर्णिया, आरा, अरवल, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद आदि जगहों पर प्रतिरोध मार्च निकाला गया और कुछेक स्थानों पर प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया गया. राजधानी पटना में कारगिल सभा पर आयोजित प्रतिरोध सभा में पार्टी की केंद्रीय कमिटी सदस्य सरोज चैबे, शशि यादव, राज्य कमिटी सदस्य रणविजय कुमार आदि नेताओं ने संबोधित किया. जबकि इस मौके पर माले नेता मुर्तजा अली, नसीम अंसारी, राजेन्द्र पटेल, जितेंन्द्र यादव, पन्नालाल, दिलीप सिंह, अशोक कुमार, अनय मेहता, अनुराधा देवी, चंद्रकिशोर, तारिक अनवर आदि नेता भी उपस्थित थे. संचालन पार्टी की बिहार राज्य कमिटी के सदस्य काॅ. नवीन कुमार ने किया.
सभा को संबोधित करते हुए माले नेताओं ने कहा कि सहारनपुर, ऊना के बाद भीमा-कोरेगांव की घटना ने एक बार फिर से आरएसएस व भाजपा के दलित प्रेम के ढोंग की पोल खोल दी है. महाराष्ट्र की भाजपा सरकार नया-पेशवा राज चला रही है. भीमा-कोरेगांव की घटना के असली दोषियों को गिरफ्तार करने की बजाए महाराष्ट्र की भाजपा सरकार उलटे दलित समाज से आने वाले जुझारू नेता जिग्नेश मेवाणी, जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद व अन्य को निशाना बना रही है. यह बेहद शर्मनाक है. माले नेताओं ने प्रधानमंत्री पर भी तंज कसा. कहा कि दिन में कई ट्वीट करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बर्बर घटना पर अब तक बिलकुल मौन हैं. यह बेहद शर्मनाक है कि देश का प्रधानमंत्री मौन है. उन्होंने कहा कि दलितों-बहुजनों पर यह बर्बर फासीवादी-जातिवादी हमला बहुत सोच-समझकर किया गया है और इसे भाजपा की फड़णवीस सरकार संरक्षण दे रही है. हिंदुवादी संगठनों के नेता मिलिंद एकबोटे और सिंभाजी भिडे के नेतृत्व में दलितों पर हमला किया गया. एकबोटे भाजपा के पूर्व नगरसेवक हैं और भिडे भी भाजपा और शिवसेना के नेताओं के करीब हैं.
माले नेताओं ने कहा कि एक तरफ दलितों पर हमले हो रहे हैं, तो दूसरी ओर यह बेहद शर्मनाक है मीडिया का एक हिस्सा इसे ‘जाति संघर्ष’ के रूप में प्रचारित कर रहा है तथा इसके लिए दलितों को ही दोषी बता रहा है. भाकपा-माले मांग करती है कि हमलावरों के सरगना संभाजी भिडे और मिलिंद एकबोटे को अविलंब गिरफ्तार किया जाए. उन्होंने जिग्नेश मेवाणी व उमर खालिद पर दर्ज झूठे मुकदमे वापस लेने की भी मांग की. आरा में स्टेशन परिसर पर भाकपा-माले कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया. जिसमें भाकपा-माले के तरारी विधायक सुदामा प्रसाद, आइसा के बिहार राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन सहित दर्जनों नेताओं ने हिस्सा लिया. सिवान में पार्टी जिला सचिव नईमुद्दीन अंसारी के नेतृत्व में प्रतिरोध मार्च निकला. मसौढ़ी में कमलेश कुमार, विनेश कुमार आदि ने मार्च का नेतृत्व किया. जहानाबाद में पार्टी नेता श्री निवास शर्मा, रामबली सिंह, संतोष कुमार केसरी आदि ने मार्च निकाला. समस्तीपुर में माले जिला कार्यालय से आक्रोशपूर्ण मार्च निकाला गया, जो शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए स्टेशन चैराहा पर पहुंचा और वहां पर एक विशाल सभा आयेाजित की गयी.
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