पटना, 06 जनवरी। सी.बी.आई. के रांची न्यायालय द्वारा बहुचर्चित चारा घोटाला के दूसरे मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष श्री लालू प्रसाद यादव को साढ़े तीन साल की सजा सुनाये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिवमंडल सदस्य राम बाबू कुमार ने कहा कि मुकदमे के पीछे की चालबाजियों को कुछ देर के लिए किनारा भी कर दिया जाए तो आम आदमी के मनको यह आषंका उद्वेलित करेगी कि आखिर साढ़े तीन साल की सजा क्यों, तीन साल या चार साल क्यों नहीं? कहीं ऐसा तो नहीं कि 6 माह की अतिरिक्त सजा के पीछे केन्द्र सरकार और प्रधानमंत्री की असली मंषा छिपी हुई है क्योंकि सी.बी.आई. उन्हीं के सीधे नियंत्रण में विरोधी नेताओं की बोलती बंद करने में जुटी हुई है और न्यायपालिका को भी प्रभावित करने के हथकंडे अपना रही है। बहरहाल, लोकतंत्र में अतिम न्यायकत्र्ता तो विराट आम जनता है, जो समय आने पर अपना निर्णय सुनाएगी।
शनिवार, 6 जनवरी 2018
बिहार : लालू की सजा पर सी पी आई ने दिया बयां
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