विशेष : भदोही में डाक्टर बना यमराज - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 22 जनवरी 2018

विशेष : भदोही में डाक्टर बना यमराज

  • लापरवाही से कोख में ही शिशु की मौत, कोमा में पीड़िता 

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भदोही (सुरेश गांधी)  डालरनगरी भदोही के चैरी रोड स्थित मदर केयर नर्सिंग होम में डॉक्टर की लापरवाही की एक घटना सामने आई है। लापरवाही भी ऐसी कि उसने कोख में ही शिशु की जिंदगी छीन ली। जबकि प्रसव पीड़िता कोमा में हैं। दुखद पहलू यह है कि 24 घंटे बाद जब पीड़िता की सासें अटकने लगी तो डाक्टर ने वाराणसी के लिए रेफर कर दिया। पीड़िता पिछले चार दिन से सर सुंदर लाल अस्पताल बीएचयू में जिंदगी और मौत से जूझ रही है। इस वाकये से पीड़िता के परिजनों में कोहराम मचा है। काजीपुर मुहल्ला निवासी पीड़िता के ससुर मुश्ताक अंसारी का आरोप है कि हॉस्पिटल के चिकित्सक व अनट्रेंड स्टाफ के चलते उनके बहू के पेट में बच्चे की मौत हो गई। जबकि बहू की हालत गम्भीर चिंताजनक हैं। श्री अंसारी ने लापरवाह चिकित्सक के खिलाफ मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य प्रमुख सचिव, जिलाधिकारी भदोही एवं मुख्य चिकित्साधिकारी को रजिस्टर्ड पत्र भेजकर जांचोपरांत उचित कार्यवाही की मांग की है। 

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श्री मुश्ताक अंसारी ने बताया कि वे गत मंगलवार को अपनी गर्भवती बहू को प्रसव पीड़ा के चलते चैरी रोड स्थित मदर केयर हॉस्पिटल में उपचार के लिए गए थे। इस दौरान उनकी बहू घर से अपने पैरो पर चल कर अस्पताल पहुंची थी। अस्पताल में चिकित्सक ने बगैर किसी जांच के ही बताया कि पीड़िता के शरीर खून की कमी है, भर्ती करना पड़ेगा। चिकित्सक के कहेनुसार भर्ती करा दिया। कुछ देर बाद चिकित्सक ने कहा, खून की तत्काल जरुरत है। परिजनों ने आनन-फानन में खून की व्यवस्था कर चिकित्सक को दी। चिकित्सक दवा तो चलाते रहे लेकिन खून नही चढाएं। मंगलवार की रात उनकी बहू को अधिक दर्द होने पर चिकित्सक से संपर्क किया, लेकिन वे देखने तक नही आएं। नर्शो से ही दवा दिलाते रहे। बुधवार को भी चिकित्सक ने मरीज को देखने के बजाए अपने चेम्बर में ही बैठे बैठे कई तरह की जांच कराने की पर्ची पकड़ा दी। जांचोपरातं रिपोर्ट भी नहीं देखी। जब पीड़िता की सांसे थमने लगी तो अपने नर्स से कहलवाया कि पीड़िता की हालत नाजुक है, इलाज के पैसे जमाकर मरीज को कहीं अन्यंत्र ले जाएं। चिकित्सक के फरमान के बाद वे पीड़िता को लेकर वाराणसी स्थित उषा गुप्ता नर्सिंग होम पहुंचे। डाक्टर तमाम जांच के बाद बताया कि दवा की हैवी डोज के चलते पेट में ही बच्चे की मौत हो गई है, हालत चिंताजनक हैं कहकर रेफर कर दिया। इसके बाद उन्होंने अपनी बहू को बीएचयू में भर्ती कराया, जंहा डिलवरी के बाद उपचार तो चल रहा है, लेकिन वह कोमा में हैं। बहू की हालत चिंता जनक बनी हुई है।

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