पटना 24 जनवरी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किसी राजनीतिक पार्टी या नेता का नाम लिये बगैर आज कहा कि जिन्हें राजनीति का ककहरा तक पता नहीं है वह सोशल मीडिया पर तरह-तरह की टिप्पणी कर रहे हैं। श्री कुमार ने यहां जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ की ओर से जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, “सोशल मीडिया में अनसोशल बातें चलती हैं और यह बात हम शुरू से ही कहते रहे हैं कि जिन्हें बुनियादी जानकारी और राजनीति का क, ख, ग तक पता नहीं है, वह सोशल मीडिया के माध्यम से तरह-तरह की टिप्पणी कर रहे हैं। राजनीतिक परिवर्तन और बुनियादी चीज क्या है, इसकी समझ नहीं रखने वाले लोग ही आज कल ज्यादातर सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं।” मुख्यमंत्री ने आजकल कुछ लोग ट्वीट में जिन शब्दों का प्रयोग करते है, उसका अर्थ भी जानते है या नहीं, यह कहना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि जिन्हें जो बोलना है, वे बोलते रहें। इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। जो बुनियादी चीजें हैं, वह करते रहेंगे और कभी उससे समझौता न किया है और न ही करेंगे। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या महागठबंधन बना था घचपच और गड़बड़ करने के लिए। महागठबंधन जिसके लिए बना था, वह काम हम उस समय भी कर रहे थे और आज भी कर रहे हैं क्योकि एक सीमा के आगे तक वह समझौता नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि लोग सिद्धांत की बातें करते हैं तो क्या सत्ता मिली थी धनार्जन करने के लिए। जिसे जो कहना है, कहते रहें लेकिन उन्होंने बिहार के हित में राजनीतिक रूप से निर्णय लिया था।
श्री कुमार ने नाम लिये बिना विपक्ष पर निशाना साधते हुये कहा कि 21 जनवरी 2017 को शराबबंदी के पक्ष में जो लोग हाथ पकड़कर साथ खड़े हुए थे, आज वे पलट गए हैं और अब शराबबंदी के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ पूरे बिहार में सशक्त अभियान चल रहा है और 21 जनवरी 2018 को जो मानव श्रृंखला बनी थी, उसमें से कुछ लोगों को भड़काने और हड़काने की भी कोशिश की गई लेकिन इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। उन्होंने कहा कि वह न्याय के साथ विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और जननायक की प्रेरणा पाकर काम करते रहे हैं, ऐसे में कुछ इक्का-दुक्का लालची लोग भी हैं, जिन्हे चाहकर भी सुधारा नहीं जा सकता। मुख्यमंत्री ने बक्सर के नंदन गांव की घटना का जिक्र करते हुये कहा कि गांव में लोगों को भड़का दिया, जिसके कारण पत्थरों की बौछार शुरू हो गई जबकि महिलाओं को नारेबाजी देखा उन्होंने मिलने की सोची लेकिन तबतक पत्थरों की बरसात शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशक को कहा है कि इस पूरे मामले की जांच करें और बेवजह लोगों को परेशान न किया जाये। वह चाहते हैं कि इस मामले में गिरफ्तार हुये कोई भी लोग जेल में न रहें लेकिन उन्हें अपनी गलती का एहसास भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से उनकी जमानत का कोई विरोध नहीं होगा लेकिन हर पक्ष की जांच होगी।
श्री कुमार ने कहा, “वर्ष 2012 में खगड़िया में भी इसी तरह की घटना हुई थी लेकिन हम काम करने के लिए आए हैं तो यह सब हमें भुगतना ही पड़ेगा। हम पीछे नहीं हटेंगे। मेरा वास्ता इन चीजों से नहीं है क्योंकि जो जैसा करेगा, उसका फल भुगतेगा। बहुत लोग भटक जाते हैं और आपको भटकाने के लिए बहुत लोग सक्रिय रहेंगे लेकिन जो लोग कर्पूरी जी को मानते हैं, वे हमेशा सही राह ही चुनेंगे, वैसे लोग कभी नहीं भटकेंगे। लाेग बहुत तरह के प्रलोभन दे सकते हैं।” मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों की आदत है कि जब उन्हें सत्ता हासिल होती है, तब वह धनार्जन करते हैं और ताकत अर्जित करते हैं लेकिन उनका मानना है कि जब जनता मौका देती है तो हमें सेवा करनी चाहिए और हम लोगों की निरंतर सेवा करने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि उनके ऊपर जो कमेंट करना है, लोग करते रहें, पत्थर की बौछार करते रहें लेकिन हम अपना काम निरंतर करते रहेंगे क्योंकि हमारा मकसद है न्याय के साथ विकास। उन्होंने कहा कि यदि आप विकास का काम करेंगे तो यह जरूरी नहीं है कि सबको अच्छा लगे। बिहार में शराबबंदी लागू की गई लेकिन कुछ धंधेबाज हैं, उन्हें यह निर्णय अच्छा नहीं लगता। अब दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ जो सशक्त अभियान पूरे राज्य में चल रहा है, वह भी दहेज लेने वालों को अच्छा नहीं लगेगा। श्री कुमार ने अरबों रुपये के बहुचर्चित चारा घोटाले के एक मामले में आज राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को हुई सजा पर कहा, “न्यायिक निर्णय पर मैंने आज तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और मै हमेशा मर्यादा में चलता हूं।” उन्होंने कहा कि न्याय के साथ विकास से कोई समझौता नहीं होगा।
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