नयी दिल्ली 12 जनवरी, थल सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने जम्मू-कश्मीर में सरकारी विद्यालयों की मौजूदा शिक्षा प्रणाली पर चिंता व्यक्त करते हुए आज कहा कि छात्रों को भ्रमित करने वाली शिक्षा प्रणाली का पुनर्निर्माण करने की जरूरत है। आगामी 15 जनवरी को थल सेना दिवस से पहले संवाददाता सम्मेलन में श्री रावत ने कहा कि कश्मीर के सरकारी विद्यालयों के शिक्षक छात्रों को ऐसी शिक्षा दे रहे हैं जो नहीं देनी चाहिये। वहां आपको दो नक्शे मिलेंगे, एक भारत का और एक जम्मू-कश्मीर का। एक बच्चे के लिये इसकी क्या जरूरत है? उन्होंने मदरसों पर भी छात्रों को गलत जानकारी देने और उन्हें भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को घाटी में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) पाठ्यक्रम वाले विद्यालयों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। घाटी के युवाओं में कट्टरता के मुद्दे पर पूछने पर उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सोशल मीडिया पर कट्टरता बहुत फैल रही है। विद्यालयों में कुछ शिक्षक छात्रों को ऐसी शिक्षा दे रहे हैं जो शायद नहीं देनी चाहिये। उन्होंने कहा सबसे ज्यादा भटके हुए नौजवान उन स्कूलों से आते हैं जहां उन्हें कट्टर बनाया जाता है। गलत जानकारी फैलाने वाले मदरसों और मस्जिदों पर नियंत्रण रखने के लिये कदम उठाए जाने हैं।
शनिवार, 13 जनवरी 2018
कश्मीर में शिक्षा व्यवस्था के पुनर्निर्माण की जरूरत: जनरल रावत
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