नयी दिल्ली 04 जनवरी, भारतीय अर्थव्यवस्था की विश्वसनीयता बहाल करने का दावा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि मोदी सरकार के नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) समेत समस्त बुनियादी आर्थिक सुधारों का मुख्य उद्देश्य अर्थव्यवस्था को तेज गति से अागे बढ़ाते हुए आम आदमी को खुशहाल बनाना है। श्री जेटली ने राज्यसभा में ‘देश की अार्थिक स्थिति’ पर अल्पकालिक चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि साढ़े तीन साल पहले राष्ट्रीय जनतांंत्रिक गठबंधन की मोदी सरकार को देश की अर्थव्यवस्था जर्जर हालत में मिली थी और इसपर भरोसे का बहुत संकट था। आर्थिेक सुधार बंद हो गए थे और निर्णय नहीं हो रहे थे। उन्होेंने कहा कि मोदी सरकार ने बुनियादी आर्थिक सुधार पर निर्णय लिए और वैश्विक मंचों पर भारतीय अर्थव्यवस्था की विश्वसनीयता बहाल की है। कारोबार के अनुकूल माहौल की रैंकिंग में भारत 142 से चढ़कर 100 वें स्थान पर पहुंच गया है। भारतीय अर्थव्यवस्था की साख ‘स्थिर’ श्रेणी में आ गयी है। भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने बड़ी चुनौतियों को स्वीकार करते हुए श्री जेटली ने कहा कि बुनियादी सुधारों के बाद आर्थिक मानकों में कुछ गिरावट दर्ज की गयी है जो स्वाभाविक है लेकिन इनका मध्यावधि और दीर्घकालिक सकारात्मक असर होगा। अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत निर्यात, कोर उत्पादन और विनिर्माण के आंकड़ों में दिखाई देने लगे हैं। उन्होेंने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था का सभी देशों पर प्रभाव पड़ता है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। वैश्विक अर्थव्यवस्था को देखते हुए जनता के हित में सरकार निर्णय ले रही है। सब्सिडी के मुद्दे पर उन्हाेंने कहा कि लक्षित व्यक्ति को सब्सिडी देने के कदम उठाए गए हैं आैर ये सफल रहे हैं। आम जनता की कल्याणकारी योजनाओं में आवंटन घटाने के आरोप को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी योजना में एक पैसा भी कम नहीं किया गया है। हालांकि इसे तर्कसंगत बनाया गया है जिससे लक्षित व्यक्ति को लाभ मिल सके।
शुक्रवार, 5 जनवरी 2018
अर्थव्यवस्था की विश्वसनीयता बहाल की मोदी सरकार ने : जेटली
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