नयी मिसाल कायम करने वाले 24 नायकों को पद्मश्री - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 25 जनवरी 2018

नयी मिसाल कायम करने वाले 24 नायकों को पद्मश्री

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नयी दिल्ली 25 जनवरी, अपने अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान से नयी मिसाल कायम करने वाले देश के 24 विशिष्ट व्यक्तियों को पद्मश्री सम्मान दिये जाने की आज घोषणा की गयी । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्मश्री पुरस्कारों के लिए समाज की बेहतरी में अपना पूरा जीवन लगाने वाले इन नायकों के नामों का ऐलान किया। इन विशिष्ट व्यक्तियों में बच्चों को दर्द से निजात दिलाने, जंगल में हर्बल औषधियों को बढ़ावा देने वाली जंगल की दादी, बच्चों के लिए खिलौने बनाने वाले वैज्ञानिक और गरीबों के लिए स्कूल, अनाथालय तथा डिस्पेंसरी चलाने वाले लोग शामिल हैं। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आज रात इन अलंकारणों की घोषणा की। नवजात बच्चों की दर्दरहित सर्जरी का तरीका विकसित करने वाले केरल के 70 वर्षीय एम.आर. राजगोपाल, 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपना हाथ गँवाने वाले पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता महाराष्ट्र के मुरलीकांत पेटकर, महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित गढ़ चिरौली में पिछले 30 साल से स्वास्थ्य सेवा दे रही डॉ. रानी और अभयरबंग, दादी के नाम से मशहूर और कई साल से गाँधी आश्रम में सेवा दे रही नगालैंड की 84 वर्षीय गाँधीवादी लैंटिन आओ ठक्कर शामिल हैं। वन्यजीव और जैव विविधता के संरक्षण में काम करने वाले तमिलनाडु के 74 वर्षीय रोमूलस ह्विटाकेर, दिव्यांगों के कल्याण के लिए काम करने वाले महाराष्ट्र के 67 साल के सामाजिक कार्यकर्ता संपद रामटेके, नेत्र रक्षक के नाम से जाने जाने वाले और मोतियाबिंग की सस्ती सर्जरी का तरीका विकसित करने वाले नेपाल के 62 वर्षीय संदूक रूइट, रामकृष्ण सेवा आश्रम के संस्थापक तथा अनाथ बच्चों के लिए स्कूल, अनाथालय और डिस्पेंसरी चलाने वाले 99 वर्षीय सुधांशु विश्वास, 18 भाषाओं में खिलौने के निर्माण पर 6,200 लघु फिल्में बनाने वाले डॉ. अरविंद गुप्ता, सर्प दंश की दवा के साथ पाँच सौ हर्बल दवायें बनाने वाली केरल की 75 वर्षीय लक्ष्मी कुट्टी को भी सम्मानित किया गया है। सूची में देश में प्लास्टिक के कचरे से सड़क बनाने में मिसाल कायम करने वाले और नि:शुल्क सेवा देने वाले 65 वर्षीय राजगोपालन वासुदेवन, हजारों गरीबों का हर साल मुफ्त में इलाज करने वाली 75 वर्षीय सुभाषिणी मिस्त्री, गरीबों को मुफ्त में नर्सिंग सेवा उपलब्ध कराने वाली 97 वर्षीय सुलागती नरसम्मा, तमिल लोक संगीत का चलता-फिरता विश्वकोष के नाम से मशहूर 64 वर्षीय विजय लक्ष्मी नवनीत कृष्णन, हिमाचल प्रदेश के 90 वर्षीय तिब्बती भिक्षु और तिब्बतीय हर्बल के विशेषज्ञ येसी धोदेन, भगवत गीता के 700 से ज्यादा श्लोकों का उर्दू में अनुवाद करने वाले उत्तर प्रदेश के उर्दू के शायर अनवर जलालपुरी, अपने भजनों के जरिये पिछले 44 साल से सामाजिक संदेश दे रहे कर्नाटक के कबीर के नाम से मशहूर 77 वर्षीय इब्राहिम सुतार, देश के पहले बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान तेजस के विकास में अहम योगदान देने वाले बिहार के 74 वर्षीय वैज्ञानिक और इंजीनियर मानस बिहारी वर्मा, ग्रामीण कर्नाटक में दलित महिलाओं के उत्थान के लिए पिछले तीन दशकों से काम कर रही सितव्वा जोदाती, सऊदी अरब की पहली मान्यता प्राप्त योग प्रशिक्षक 38 वर्षीय नोफ मरवाई, अब तक 10 लाख से अधिक छात्रों को योग सिखा चुकी तमिलनाडु की 98 वर्षीय योग प्रशिक्षक और योगिनी दादी के नाम से मशहूर वी. नन्नामल शामिल हैं।

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