सैन्यशक्ति के बिना शांति कायम नहीं हो सकती : नेतन्याहू - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 16 जनवरी 2018

सैन्यशक्ति के बिना शांति कायम नहीं हो सकती : नेतन्याहू

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नयी दिल्ली 16 जनवरी, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सैन्य शक्ति के महत्व को रेखांकित करते हुए आज कहा कि ताकत के बिना शांति कायम नहीं की जा सकती।  विदेश मंत्रालय एवं ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित रायसीना डॉयलॉग के उद्घाटन व्याख्यान में श्री नेतन्याहू ने कहा, “ आज की तारीख में ताकतवर होना बहुत जरूरी है क्योंकि इस दुनिया में कमजोर का बचा रह पाना बहुत मुश्किल है। आप हमेशा शक्तिशाली के साथ हाथ मिलाते हैं। अगर आपको दुनिया में शांति कायम करनी है तो भी आपको शक्तिशाली होना पड़ेगा। ” उन्होंने कहा, “ताकतवर होना हमारे समय की सबसे बड़ी जरूरत है। जिंदा रहने के लिए न्यूनतम ताकत जरूरी है।” उन्होंने सांस्कृतिक, वैज्ञानिक एवं शैक्षणिक ताकत की महत्ता को भी स्वीकार किया लेेकिन उस पर सैन्य शक्ति को बेहतर बताया। उन्होंने कहा, “सॉफ्ट पावर अच्छी बात है और हार्ड पावर और भी बेहतर चीज है।” उन्होंने कहा कि वैसे आज के समय में किसी भी देश के लिए सैन्य शक्ति, आर्थिक शक्ति, तकनीकी ताकत और सांस्कृतिक शक्ति चारों का होना बहुत जरूरी है। दर्शक दीर्घा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह और एम जे अकबर और अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व कौशल की सराहना करते हुए श्री नेतन्याहू ने कहा कि उन्हें यह जानकर हैरानी हुई है कि श्री मोदी ने पिछले तीन सालों में भारत में व्यापार सुगमता को बहुत आसान कर दिया और भारत ने अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग में 42 पायदान की छलांग लगायी है। उन्होंने कहा कि अगर आपको आर्थिक शक्ति बनना है तो आपको कर नीति को सरल बनाना होगा तथा लाल फीताशाही पर रोक लगानी होगी। भारत और इजरायल दोनों देशों का मुख्य उद्देश्य इसी लाल फीताशाही को कम से कम करना है, ताकि व्यापार करना और आसान हो। इजरायली प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया को कट्टर इस्लाम से चुनौती मिल रही है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी पिछले 3000 साल में इजरायल आने वाले पहले भारतीय नेता हैं, दुआ है कि भारत और इजरायल की दोस्ती को किसी की नजर न लगे। श्री नेतन्याहू ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला लोकतंत्र है. यह देश दुनिया को संदेश देता है कि मानवता और आजादी एकसाथ आगे बढ़ सकते हैं। यहां लोगों के अधिकार सुरक्षित रखने के साथ ही उन्हें सोचने और बोलने की आजादी मिली हुई है। यहां इजरायल की तरह विविधता भरा समाज देखने को मिलता है। दोनों देशों की सबसे महत्वपूर्ण धरोहर लोकतंत्र है।

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