नयी दिल्ली,24जनवरी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साहसिक कार्यों के लिए आज यहां 18 बहादुर बच्चों को वीरता पुरस्कार प्रदान किए इनमें से तीन बच्चों को यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया गया है। इस अवसर पर बच्चों के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी वीरता और साहसिक कार्यों की बड़े पैमाने पर चर्चा हो रही है।मीडिया ने भी इसे प्रमुखता दी है। उन्होंने कहा कि बहादुर बच्चे दूसरे बच्चों के लिए एक प्रेरणा हैं और उनमें आत्मविश्वास की भावना पैदा करने का जरिया भी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वीरता पुरस्कार पाने वाले ज्यादातर बच्चे ग्रामीण और साधारण पृष्ठभूमि से हैं। यही वजह है कि उनके हर दिन के संघर्ष ने उनमें जीवटता भर दी है जिससे वे विषम परिस्थितियों का सामना साहस के साथ कर पाते हैं। श्री मोदी ने पुरस्कृत बच्चों के साथ ही उनके अभिभावकों और शिक्षकों को भी बधाई दी। उन्हाेंने उन लोगों की भी सराहना कि जिन्होंने इन बच्चों के साहसिक कारनामों को दुनिया के सामने लाने काम किया। उन्होंने कहा कि एक बार ऐसी पहचान बन जाने पर ऐसे बच्चों से भविष्य के लिए अपेक्षा से अधिक उम्मीदें बंध जाती हैं। उन्होंने सभी बच्चों के लिए भविष्य में उनके सभी कार्यों मे सफलता की कामना की । इस अवसर पर महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी भी मौजूद थीं। पुरस्कारों की श्रेणी में इस बार का भारत पुरस्कार उत्तर प्रदेश की 18 वर्षीय नाजिया को दिया गया है। प्रतिष्ठित गीता चोपड़ा पुरस्कार मरणोपरांत कर्नाटक की 14 वर्षीय नेत्रावती एम चवान को दिया गया है। इसी प्रकार पंजाब के 14 वर्षीय करणबीर सिंह को संजय चोपड़ा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मेघालय के 14 वर्षीय बेट्सवजान पेइंगलांग, ओडिशा की साढ़े सात वर्षीय ममता दलई और केरल के साढ़े तेरह वर्षीय सेबस्टियन विनसेंट को बापू गैधानी पुरस्कार दिया गया है। वीरता पुरस्कार पाने वाले अन्य बच्चों में लक्ष्मी यादव(छत्तीसगढ़) , कुमारी मनशा, शांगपोन कोनयक एवं चिंगाई वांगसा ( सभी नागालैंड) , समृद्धि सुशील शर्मा(गुजरात) , एफ. लालछंदमा-मरणोपरांत और जोनुन्तुलंगा (दोनों मिजोरम) , पंकज सेमवाल(उत्तराखंड) , नादफ एजाज अब्दुल रउफ(महाराष्ट्र) कुमारी लोउक्राकपम चानू-मरणोपरांत(मणिपुर) तथा पंकज कुमार महंता(ओडिशा) शामिल हैं। ये सभी बच्चे गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होंगे।
बुधवार, 24 जनवरी 2018
प्रधानमंत्री ने बहादुर बच्चों को दिये वीरता पुरस्कार
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