नयी दिल्ली 21 जनवरी, कांग्रेस ने लाभ के पद मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आम) के बीच ‘डील’ होने का अारोप लगाते हुए आज कहा कि यदि चुनाव आयोग ने दिल्ली में राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद ही इसका फैसला दे दिया होता तो अंदरूनी फूट के कारण ‘आप’ टूट गयी होती। कांग्रेस प्रवक्ता एवं दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन ने यहां पार्टी मुख्यालय में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान इस मामले को लेकर चुनाव आयोग को भी लपेटे में लेते हुये आरोप लगाया कि उसने ‘आप’ को फायदा पहुंचाने के लिए उसके 20 विधायकों के लाभ के पद के मामले में फैसला देने में जान-बूझकर देर की। उन्होंने कहा कि यदि इस मामले में फंसे उसके 20 विधायक उसी समय अयोग्य करार दे दिये गये होते तो वे राज्यसभा में चुनाव में वोट नहीं दे सकते थे। आप के अंदर जिस कदर फूट और असंतोष है, ऐसा होने पर पार्टी टूट गयी होती। श्री माकन ने सवाल किया कि 22 दिसंबर को राज्यसभा की तीन सीटों के चुनाव की घोषणा हो चुकी थी, लेकिन आयोग ने आप के तीनों प्रत्याशियों के निर्विरोध चुने के बाद लाभ के पद मामले में अपनी सिफारिश राष्ट्रपति को भेजी। उन्होंने आरोप लगाया कि 19 जनवरी तक फैसला लटकाकर भाजपा और आयोग ने मिलकर ‘आप’ की मदद की है।
रविवार, 21 जनवरी 2018
लाभ के पद मामले में भाजपा-आप के बीच हुई ‘डील’ : कांग्रेस
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