रूढ़ियों से मुक्ति और स्वच्छता के लिए काम करें युवा : मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 27 जनवरी 2018

रूढ़ियों से मुक्ति और स्वच्छता के लिए काम करें युवा : मोदी

youth-must-work-for-cleanliness-and-freedom-from-stereotypes-modi
नयी दिल्ली 27 जनवरी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रगति के लिए बदलाव को जरूरी बताते हुये आज युवाओं का आह्वान किया कि वे समाज को रूढ़ियों से मुक्ति दिलाने तथा वर्ष 2019 तक स्वच्छ भारत के निर्माण के लिए काम करें। गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने वाले राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेटों तथा झाँकियों में हिस्सा लेने वाले कलाकारों से मुलाकात के दौरान श्री मोदी ने यह बात कही। उन्होंने कहा “हमारे देश की दो विशेषताएँ हैं - पहली विविधता में एकता और दूसरी यह कि हमारा समाज परिवर्तनशील है। जो बदलाव को स्वीकार करते हैं, रूढ़ियों में बँधे नहीं रहते, वही प्रगति करते हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि यह नौजवानों का दायित्व है कि यदि किसी परिवार में कोई ऐसी रूढ़ी है, कोई ऐसी मान्यता है तो वे उसे दूर करें। उन्होंने कहा कि केवल यह सोचने से कि यह काम तो सरकार का है इससे देश आगे नहीं बढ़ेगा। यह हर नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सोच में बदलाव जरूरी है। श्री मोदी ने कैडेटों से वर्ष 2019 तक महात्मा गाँधी के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने का प्रण लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बापू जीवन भर स्वच्छता के लिए प्रयास करते रहे। देश में स्वच्छता के प्रति जागरूकता जरूर आयी है, लेकिन यह परिवार का स्वभाव कैसे बने हमें इस दिशा में काम करना चाहिये। उन्होंने छात्रों से पूछा कि क्या वे महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती पर उनका यह सपना पूरा करना नहीं चाहेंगे। उन्होंने माना कि स्वभाव बदलने में समय लगता है।

कोई टिप्पणी नहीं: