नई दिल्ली 15 मार्च, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को वचनपत्र यानी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के जरिये चपत लगाने का एक और नया मामला उजागर हुआ है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पीएनबी के पूर्व उप प्रबंधक गोकुलनाथ शेट्टी के खिलाफ धोखाधड़ी का एक अन्य मामला दर्ज किया, जो हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े के मामले में पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। शेट्टी पर आरोप है कि उन्होंने 9.09 करोड़ रुपये के एलओयू चांद्री पेपर्स को जारी किए थे। शेट्टी के अलावा पीएनबी की मुंबई स्थित बैड्री हाउस शाखा के सिंगल विंडो ऑपरेटर मनोज हनुमंत खराट और चांद्री पपर्स के निदेशक आदित्य रासीवासिया और ईश्वरदास अग्रवाल के भी नाम सीबीआई द्वारा नौ मार्च को दर्ज एफआईआर में हैं। एफआईआर के मुताबिक, शेट्टी और खराट ने मुंबई की कंपनी चांद्री पेपर्स के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची और दो एलओयू जारी कर पीएनबी को 1,421,311.82 डॉलर यानी 9,09,63,956 करोड़ रुपये का चूना लगाया। एफआईआर में कहा गया है कि कंपनी की बैंक के साथ कोई साख सीमा (क्रेडिट लिमिट) नहीं थी और कोई मार्जिन भी नहीं लिया गया था। एफआइआर के मुताबिक, एलओयू 25 अप्रैल 2017 को भारतीय स्टेट बैंक की बेल्जियम के एंटवर्प स्थित शखा के पक्ष में 20 जनवरी 2020 तक मान्य तिथि के साथ जारी किए गए थे। ये पहले एलओयू थे जिसकी समाप्ति की अवधि दो साल से अधिक थी। इससे पहले एलओयू 360 दिनों के लिए जारी किए जाते थे। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक ने इसके पूरे होने की अवधि सिर्फ 90 दिन तय की है। सीबीआई ने शेट्टी को दो अन्य लोगों के साथ फरवरी में नीरव मोदी और चोकसी के फर्जीवाड़े के सिलसिल में गिरफ्तार किया था।
गुरुवार, 15 मार्च 2018
पीएनबी के पूर्व अधिकारी शेट्टी एक और फर्जीवाड़े में फंसे
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