भाजपा की धर्मांध विचारधारा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट होना होगा : दिग्विजय - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 26 अप्रैल 2018

भाजपा की धर्मांध विचारधारा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट होना होगा : दिग्विजय

opposition-unite-against-bjp-digvijay
नयी दिल्ली , 26 अप्रैल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष की एकजुटता की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि उनकी पार्टी को इसमें अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए और बिहार एवं पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में उसे ‘ छोटे भाई ’ की भूमिका निभाने से भी गुरेज नहीं करना चाहिए। सिंह ने कहा कि भाजपा की ‘ धर्मांधता ’ की विचारधारा के खिलाफ सभी पार्टियां एक मंच पर आ सकती हैं और भाजपा को इन पार्टियों को साथ लेने के लिए काम करना चाहिए।  कांग्रेस महासचिव ने पत्रकारों के साथ विशेष बातचीत में कहा कि विपक्षी दलों में ‘ एक दूसरे को समाहित करने की भावना ’ होनी चाहिए तथा माकपा महासचिव के तौर पर सीताराम येचुरी का हालिया निर्वाचन इसी तरह के मूड को दिखाता है। सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में कहा कि 2004 में कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी की राजनीतिक समझ और उनकी नागरिकता पर सवाल खड़े किए थे , लेकिन बाद में क्या हुआ आप सब जानते हैं। 

उन्होंने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू , इंदिरा गांधी और यहां तक कि महात्मा गांधी भी ओजस्वी वक्ता नहीं थे। उन्होंने कहा किसी भी नेता के लिए यह जरूरी है कि उसके नेतृत्व में विश्वास पैदा हो। सिंह ने कहा कि राहुल गांधी ‘ एक विश्चसनीय नेता ’ के तौर पर उभरे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का विकल्प देने के लिए कांग्रेस को इसका ब्लूप्रिंट पेश करना चाहिए कि नौकरियों , अर्थव्यवस्था और सामाजिक सद्भाव के लिए वह क्या करेगी। कांग्रेस नेता ने कहा , ‘‘ साझा न्यूनतम कार्यक्रम बनना चाहिए। ... बड़े खतरे का मुकाबला करने के लिए सबको समाहित करने की भावना होनी चाहिए। ’’ उन्होंने गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनावों के नतीजों का हवाला देते हुए कहा कि ये नतीजे दिखाते हैं कि राजनीतिक गणित आज भी मायने रखता है। आरएसएस पर निशाना साधते हुए सिंह ने कहा कि उसका मुख्य एजेंडा भारत को ‘ हिंदू राष्ट्र ’ में तब्दील करना है और उसने युवाओं के दिमाग में अतिवादी विचार का ‘ जहर ’ घोल दिया है।

कोई टिप्पणी नहीं: