अध्यादेश पारित कर एससी-एसटी कानून को पुनर्बहाल करोः माले - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 7 अप्रैल 2018

अध्यादेश पारित कर एससी-एसटी कानून को पुनर्बहाल करोः माले

  • राजधानी पटना सहित राज्य के विभिन्न जिला मुख्यालयों पर प्रतिवाद
  • भारत बंद के दौरान दसियों हजार आंदोलनकारियों पर दर्ज फर्जी मुकदमे वापस लो.
  • बंद के दौरान हुए हमलों व हत्याओं की स्पीडी ट्रायल कर दोषियों को सजा देने की मांग

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पटना 7 अप्रैल 2018 , एससी-एस टी ऐक्ट में संशोधन वापस लेने संबंधी अध्यादेश लाने, 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई हत्याओं व हमलों के जिम्मेदार अपराधियों को सजा देने और दसियों हजार आंदोलनकारियों पर दर्ज फर्जी मुकदमे वापस लेने की मांग पर भाकपा-माले के राज्यव्यापी प्रतिवाद दिवस के तहत आज राजधानी पटना सहित राज्य के विभिन्न जिला मुख्यालयों पर प्रतिरोध मार्च का आयोजन किया गया और सभा भी आयोजित की गई.. राजधानी पटना के अलावा दरभंगा, अरवल, मुजफ्फरपुर, सिवान, जहानाबाद, गया, आरा आदि जगहों पर प्रतिवाद मार्च निकाले गए.  पटना में के कारगिल चैक (गांधी मैदान) पर प्रतिरोध मार्च व सभा का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता राज्य कमिटी सदस्य नवीन कुमार ने किया. कार्यक्रम का नेतृत्व भाकपा-माले की केंद्रीय कमिटी के सदस्य व पटना नगर सचिव अभ्युदय, राज्य कमिटी सदस्य रामबली प्रसाद, समता राय, नगर कमिटी सदस्य नसीम अंसारी, मुर्तजा अली, जीतेन्द्र कुमार, पन्नालाल सिंह, अशोक कुमारए अनुराधा सिंह, रामकल्याण सिंह, शम्भूनाथ मेहता, बी. के. शर्मा, अनय मेहता, सत्येन्द्र शर्मा, जावेद अहमद आदि ने किया. प्रतिरोध सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज पूरे देश में दलित व कमजोर वर्ग के लोग सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले से आहत महसूस कर रहे हैं, जिसके तहत एससी-एसटी कानून को शिथिल किया जा रहा है. उसको पुराने रूप में बहाल रखने के लिए मोदी सरकार अध्यादेश पारित न कर 2 अपैल के ऐतिहासिक भारत बंद के बाद सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार की अपील का दिखावा कर रही है. भारत बंद के दौरान मनुवादी ताकतों द्वारा संगठित होकर 10 से ऊपर दलित-गरीबों व न्याय प्रिय लोागें की हत्याएं कर दी गईं. हजारों लोगों को घायल कर दिया गया और लाखों लोगों को मुकदमे में फंसाया गया. इससे मोदी सरकार का असली दलित-गरीब-आदिवासी विरोध्ी चेहरा खुलकर सामने आ गया है  बिहार के खगड़िया में माले के जिला सचिव काॅ. अरूण कुमार दास पर बजरंग दल के लोगों ने जानलेवा हमला किया. उन्हें बुरी तरह जख्मी कर दिया गया. दरभंगा मेें मनोज बैठा पर एबीवीपी के लंपटों ने हमला किया. मुजफ्फरपुर में आइसा नेता पर हमला किया गया. दसियों हजार आंदोलनकारियों पर फर्जी मुकदमे लाद दिए गए हैं. यह सरासर अन्याय है. वक्ताओं ने कहा कि आज के प्रतिवाद मार्च के माध्यम से हम यह भी मांग करने आए हैं कि रिवीजन पिटीशन की नौटंकी बंद करके सरकार एससी-एसटी कानून की पुनबर्हाली के लिए तत्काल अध्यादेश लाए, स्पीडी ट्रायल चलाकर हमलावरों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, जो दस बंद समर्थकों की हत्या के जिम्मेवार हैं. साथ ही आंदोलनकारियों पर से सभी फर्जी मुकदमे वापस तत्काल वापस लिए जाएं.

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