अमेरिका ने हाफिज सईद के ‘एमएमएल’ को आतंकवादी संगठन घोषित किया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 3 अप्रैल 2018

अमेरिका ने हाफिज सईद के ‘एमएमएल’ को आतंकवादी संगठन घोषित किया

usa-announce-mml-terrorist-organization
वाशिंगटन, तीन अप्रैल, पाकिस्तान में आम चुनाव से ठीक पहले अमेरिका ने मिल्ली मुस्लिम लीग( एमएमएल) को एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। एमएमएल हाफिज सईद के नेतृत्व वाले आतंकवादी संगठन जमात- उद दावा का राजनीतिक मोर्चा है। अमेरिका ने इसके साथ ही एमएमएल के सात सदस्यों को विदेशी आतंकवादी भी घोषित किया है। अमेरिका ने तहरीक- ए- आजादी- ए- कश्मीर( टीएजेके) को भी आतंकवादी समूहों की सूची में शामिल किया है। टीएजेके को लश्कर- ए- तैयबा का एक मोर्चा बताया जाता है, जो कि ट्रंप प्रशासन के अनुसार पाकिस्तान में बिना किसी रोक टोक के अपनी गतिविधियों का अंजाम दे रहा है। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही पाकिस्तान चुनाव आयोग ने एमएमएल को राजनीतिक पार्टी के तौर पर पंजीकरण के लिए गृह मंत्रालय से मंजूरी प्रमाणपत्र लाने को कहा था। इसके एक दिन बाद यह कदम उठाया गया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय में आतंकवाद-निरोध समन्वयक नाथन ए. सेल्स ने कहा, ‘‘एमएमएल और टीएजेके दोनों ही लश्कर-ए-तैयबा के मोर्चे हैं और इनका गठन संगठन पर लगे प्रतिबंधों से बचने के लिए किया गया है। आज के संशोधनों का लक्ष्य प्रतिबंधों से बचने के लश्कर-ए-तैयबा के रास्तों को बंद करना और उसके असली चेहने को लोगों के सामने लाना है।’’  सेल्स ने कहा, कृपया आप दिग्भ्रमित ना हों। लश्कर-ए-तैयबा चाहे कोई भी नाम बदल ले, वह हमेशा हिंसक आतंकवादी संगठन ही रहेगा। अमेरिका उन सभी कदमों का समर्थन करता है, जो यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हिंसा का रास्ता पूरी तरह छोड़ने तक लश्कर-ए-तैयबा को कोई राजनीतिक मंच/आवाज ना मिले।

कोई टिप्पणी नहीं: