वर्ष 2007 और 2012 की तरह 2018 में भी पदयात्रा सत्याग्रह - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 1 मई 2018

वर्ष 2007 और 2012 की तरह 2018 में भी पदयात्रा सत्याग्रह

  • केवल चार माह दूर जनांदोलन 2018, एकता परिषद नामक जन संगठन द्वारा 200 जिलों में  समान्तर अभियान 

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दिल्ली.जल,जंगल और जमीन के अधिकारों के लिए वंचितों का निर्णायक सत्याग्रह 2 अक्टूबर 2018 से परवल से शुरू होगा. एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रन सिंह परमार ने कहा कि एकता परिषद के  संस्थापक अध्यक्ष राजगोपाल पी.व्ही. जी के नेतृत्व में देश-विदेश-प्रदेश से लाखों -लाख की संख्या में वंचित समुदाय के लोग 1 अक्टूबर को हरियाणा पहुंच जाएंगे. हरियाणा  राज्य के परवल से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर से लोग पांव-पांव चलकर दिल्ली पहुंचेंगे.

एकता परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी जी ने कहा कि वर्ष 2007 में यूपीए -1 की सरकार के कार्यकाल में जनादेश 2007 पदयात्रा की गयी.  ग्वालियर से सत्याग्रह करके वंचित समुदाय दिल्ली पहुंचे.रात्रि पड़ाव रामलीला मैदान में थी.सुबह में आगे बढ़ने की इजाजत नहीं देकर प्रशासन ने सत्याग्रहियों को फील्ड अर्रेस्ट कर ली.तबतक रामलीला मैदान पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रद्युवंश प्रसाद सिंह पहुंच गये. एक ही झटके में मांग पूरी करने की द्योषणा कर दी.लगे हाथ प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री के नेतृत्व में राष्ट्रीय भूमि सुधार कार्यबल समिति की द्योषणा कर दी. उन्होंने कहा कि वंचित समुदाय पांच साल इंतजार किये.देश में आम चुनाव के बाद पुन: यूपीए सरकार केंद्र में सत्तासीन हुई.

राष्ट्रीय संयोजक रमेश शर्मा ने कहा कि यूपीए-1 की सरकार की द्योषणा पूर्ण नहीं होते देख यूपीए-2 की सरकार को समय दिया गया.मांगों की पूर्ति  नहीं होते देख वर्ष 2012 में जन सत्याग्रह  2012 पदयात्रा सत्याग्रह की द्योषणा कर दी गयी. इस बार भी महात्मा गांधी जी के जन्म दिवस यानी  अंहिसा दिवस के अवसर पर 2 अक्टूबर 2012 को वंचित समुदाय लाखों की संख्या में पदयात्रा सत्याग्रह करते ग्वालियर से दिल्ली कूच किये.पूर्व केंद्रीय ग्रामीण मंत्री  जयराम रमेश सत्याग्रहियों को आगरा में ही रोकने में कामयाब हो गये. पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने सभा को संबोधित कर एकता परिषद व गरीबों से माेहब्बत दिखाने लगे. द्विपक्षीय  समझौता पर हस्ताक्षर किये.एकता परिषद से राजगोपाल जी ने हस्ताक्षर किये.वहीं इंदिरा आवास योजना की राशि में वृद्धि कर 1.20 लाख कर दिये. उन्होंने कहा कि अपने कार्याकाल में जयराम रमेश ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को एडवाइजरी जारी किया था.इसमें भूमि सुधार संबंधी कदम उठाने पर बल दिया गया. 2014 में  सत्ता पलट होने से मसला ठंडे बस्ते में चली गयी.अभी एन.डी.ए.की सरकार है.

एक अन्य राष्ट्रीय संयोजक अनीस के.के.ने कहा कि पूर्व की मांगों को समेटकर 6 सूत्री मांग को लेकर जनांदोलन 2018 करने जा रहे हैं.जो 2 अक्टूबर से शुरू होगा.चूंकि एकता परिषद गांधीवादी विचारों के तहत संचालित है तो वंचितों का सत्याग्रह स्वाभाविक ही अंहिसक और शांतिपूर्ण ढंग से होगी.उन्होंने कहा कि मांग निम्नलिखित है:- राष्ट्रीय आवासीय भूमि अधिकार कानून की द्योषणा एवं क्रियान्वयन,राष्ट्रीय कृषक हकदारी कानून की द्योषणा एवं क्रियान्वयन,राष्ट्रीय भूमि नीति की द्योषणा व क्रियान्वयन,भारत सरकार द्वारा पूर्व में गठित राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद और राष्ट्रीय भूमि सुधार कार्यबल समिति को सक्रिय करना,वनाधिकार कानून -2006 और पंचायत (विस्तार उपबन्ध) अधिनियम -1996 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय  व प्रांतीय स्तर पर निगरानी तंत्र की स्थापना और भूमि संबंधी विवादों के शीघ्र समाधान के लिए त्वरित न्यायालयों का संचालन. वहीं राष्ट्रीय संयोजक श्रद्धा बहन ने कहा कि इसके साथ भारत के 200 जिलों में समान्तर अभियान की शुरूआत की जायेगी.

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