हर गांव, बसावट, टोलों में होगी पक्की सड़क : नीतीश कुमार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 28 मई 2018

हर गांव, बसावट, टोलों में होगी पक्की सड़क : नीतीश कुमार

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पटना 27 मई, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश के विकास में सड़कों को महत्वपूर्ण बताते हुए आज कहा कि उनकी सरकार सूबे के हर गांव, बसावट एवं टोले तक पक्की सड़क पहुंचाने के लक्ष्य के साथ तेजी से काम कर रही है।  श्री कुमार ने यहां ग्रामीण कार्य विभाग के अंतर्गत 1,959.03 करोड़ रुपये की 2,096 पथों एवं 45 पुलों का शिलान्यास, 1,113.30 करोड़ रुपये की 1,160 पथों एवं 28 पुलों का कार्यारंभ एवं 1,097.54 करोड़ रुपये की 853 पथों एवं 60 पुलों का उद्घाटन रिमोट के माध्यम से करने के बाद आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “हमलोगों की इच्छा है कि हरेक गांवों, बसावटों एवं टोलों को पक्की सड़क से जोड़ दें, इसके लिए तेजी से काम चल रहा है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सरकार ने 500 आबादी वाले इलाकों को जोड़ने का लक्ष्य बनाया, बाद में केंद्र ने भी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पी0एम0जी0एस0वाई0) 500 की आबादी तक को लक्ष्य में शामिल कर लिया। केंद्र ने नक्सल प्रभावित गांवों के लिए इसे 250 की आबादी तक के लिए शुरु किया। मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना तहत 250 से 500 की आबादी तक को जोड़ने का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो आंकड़े बताए गए हैं, उसके अनुसार 1,29,209 बसावटों में से 72,314 बसावटों को संपर्क प्रदान किया जा चुका है। शेष बचे हुए 56,133 बसावटों को संपर्कता प्रदान किया जा रहा है। सर्वेक्षण में जो भी गांव छुटे रह गए हैं, उनको सड़क से जोड़ने का निर्णय मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के द्वारा अपने संसाधन से पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने निर्णय किया कि टोलों को पक्की सड़क से जोड़ा जाएगा इसमें गरीब, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, अत्यंत पिछड़े वर्ग के लोग ज्यादा संख्या में रहते हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि टोला संपर्क योजना के लिए नाबार्ड से ऑफ बजट 2800 करोड़ रुपए का ऋण 10 प्रतिशत की ब्याज दर पर लिया गया है, रुपये की कमी नहीं की जाएगी। सात निश्चय के अंतर्गत हर टोले को पक्की सड़क से जोड़ना पक्की गली-नाली का निर्माण, हर घर नल का जल, हर घर शौचालय, हर घर तक बिजली के कनेक्शन पर काम किया जा रहा है।  श्री कुमार ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार 89 प्रतिशत जनसंख्या गांवों में रहती है और 76 प्रतिशत लोगों की आजीविका का साधन कृषि है। हाल ही में तीसरे कृषि रोड मैप 2017-22 शुरु किया गया है, इसमें कृषि से संबंधित चीजों को तो शामिल किया गया है, इसके अलावा ग्रामीण सड़कों का निर्माण भी कृषि रोड मैप का अंग बनाया गया है। यदि हर गांव संपर्क से जुड़ जाएगा तो किसानों का पैदावार बाजार तक आसानी से पहुंच जाएगा और किसानों को उचित मूल्य प्राप्त हो जाएगा। कृषि रोड मैप का लक्ष्य किसानों की आमदनी बढ़ाना है। किसान से तात्पर्य कृषि कार्य से जुड़े हर व्यक्ति से है। मुख्यमंत्री ने कहा की गांवों को प्रथम चरण में एक तरफ से पक्की सड़क से जोड़ा जा रहा है और बाद में जरुरत के अनुसार दूसरे तरफ से भी जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। ग्रमीण कार्य विभाग अब एक किलोमीटर पर जो 90 लाख रूपये की राशि खर्च होती थी, उसको घटाकर 70 लाख रूपये तक लाया है। सड़कों के निर्माण में आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। प्लास्टिक के कचरे का उपयोग सड़क निर्माण में किया जा रहा है, जिससे सड़क में मजबूती भी आ रही है।

श्री कुमार ने कहा कि सड़क आवागमन के लिए काफी महत्वपूर्ण है। सड़कों के निर्माण में मेंटेनेंस पॉलिसी को एडाॅप्ट करना चाहिए। प्रत्येक सड़क के एक-एक इंच के मेंटेनेंस पर ध्यान देने की जरुरत है। ग्रामीण सड़कों पर भारी वाहनों का आवागमन काफी हो रहा है। निर्माण कार्य के समय से ही मजबूती का ध्यान रखना होगा। 
मुख्यमंत्री ने पर्यावरण की चर्चा करते हुए कहा, “ पेड़ों के लगाने से सड़क की मजबूती तो होगी ही साथ ही पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी यह काफी महत्वपूर्ण होगा। तेजी से बढ़ने वाले वृक्षों को लगाने की जरुरत है। 2-3 वर्षों तक ग्रामीण कार्य विभाग खुद इसकी निगरानी करे और वृक्ष लगाने में पहल करे तो यह काफी महत्वपूर्ण होगा। पर्यावरण के साथ काफी छेड़छाड़ किया जा रहा है, हमलोग अपने प्रयास से इसकी भरपाई कर सकते हैं और इससे नई पीढ़ी में भी वृक्षारोपण के प्रति जागृति आएगी। ” इस मौके पर ग्रामीण कार्य विभाग पर आधारित एक लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 में ग्रामीण सड़कों के निर्माण कार्य मेंउत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अभियंताओं एवं परियोजना प्रबंधकों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम को ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार, ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव विनय कुमार ने भी संबोधित किया।

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