पटना, 27 मई, बिहार के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने नेशनल इंस्टीच्यूट आॅफ फैशन टेक्नोलाॅजी (निफ्ट) के छात्रों से भारतीय अर्थव्यवस्था को ताकत देने के लिए ‘क्रियेट इन इंडिया’ की चुनौती को स्वीकार करने का आह्वान किया है। श्री मलिक ने राजधानी के श्रीकृष्ण मेमोरियल हाॅल में ‘निफ्ट’, पटना के ‘दीक्षान्त समारोह-2018’ को संबोधित करते हुए कहा कि नेशनल इंस्टीच्यूट आॅफ फैशन टेक्नोलाॅजी, पटना लगातार पिछले कुछ वर्षों से देश के शीर्ष 10 फैशन संस्थानों में शुमार होते आ रहा है, जो गौरव की बात है। ‘निफ्ट’ से डिग्री हासिल कर निश्चय ही यहां के विद्यार्थी फैशन और डिजाइन की दुनियाँ भी बेहतर सृृजनात्मक काम करेंगे, जिससे दुनियाँ में बिहार और भारत का नाम रोशन होगा। राज्यपाल ने कहा, “ ‘मेक इन इंडिया’ की भांति ‘क्रियेट इन इंडिया’ की चुनौती को स्वीकार करते हुए ‘निफ्ट’ के विद्यार्थी जब फैशन और डिजाइन की दुनियाँ में भी कीर्तिमान रचेंगे तो इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भी ताकत मिलेगी। ‘बाबरनामा’ में बाबर ने भारतवर्ष की तमाम कमियों की ओर इशारा करने के बावजूद, यहाँ की ‘कारीगरी’ की दिल खोलकर प्रशंसा की है, इससे साबित होता है कि हम शुरू से ही फैशन और डिजाइन की दुनियाँ में अत्यन्त उत्कृष्ट रहे हैं। ”
श्री मलिक ने कहा कि बड़े डिजाइनर अपने नाम और प्रसिद्धि के बाद, कई छोटे कलाकारों और डिजाइनरों की कृतियों को लेकर उनकी ब्रांडिंग कर देते हैं तथा इसके बदले उन सहयोगियों को काफी कम राशि थमाकर उन्हें संतुष्ट करने का प्रयास करते हैं। यह प्रवृृत्ति उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि कम मशहूर लेकिन कारीगरी में बेहतर हुनर रखने वाले कलाकारों को पूरी संवेदनशीलता के साथ उनके हुनर का पुरस्कार दिया जाना चाहिए।
श्री मलिक ने कहा कि प्राचीन युग में देश में बिना सिले-सिलाये कपड़े भी लोग सुरूचिपूर्ण ढंग से पहन लेते थे और सुदर्शन दिखते थे। पटना संग्रहालय की यक्षिणी या अन्य कई कलाकृतियों को देखकर इस तथ्य को समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि ‘जीन्स’ पहले श्रमिक वर्ग का परिधान था, फिर बाद में यह विद्रोही समाज का परिधान माना जाने लगा और अब इसे हर समाज और उम्र के लोग अपना चुके हैं। इससे स्पष्ट है कि हर युग में फैशन और डिजाइन की दुनियाँ तथा सौन्दर्य बोध में भी परिवत्र्तन होते रहते हैं। समारोह में ‘निफ्ट’, पटना के निदेशक प्रो. संजय श्रीवास्तव ने अकादमिक प्रगति-प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। राज्यपाल ने सफल छात्रों में डिग्री का भी वितरण किया।

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