CBSE की दसवीं कक्षा के नतीजों में लड़कियों ने फिर मारी बाजी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 30 मई 2018

CBSE की दसवीं कक्षा के नतीजों में लड़कियों ने फिर मारी बाजी

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नयी दिल्ली, 29 मई, सीबीएसई की दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में इस साल चार छात्रों ने शीर्ष स्थान हासिल किया है और लड़कियों ने एक बार फिर लड़कों से बाजी मार ली है।  केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के परिणाम आज घोषित किए। परीक्षा में उत्तीर्ण हुए छात्रों का कुल प्रतिशत 86.70 रहा। इस बार 85.32 प्रतिशत लड़कों ने परीक्षा पास की जबकि 88.67 लड़कियां सफल रही। बोर्ड ने बताया कि डीपीएस गुड़गांव के प्रखर मित्तल, आरपी पब्लिक स्कूल बिजनौर की रिमझिम अग्रवाल, स्कॉटिश इंटरनेशनल स्कूल, शामली की नंदिनी गर्ग और भवन विद्यालय, कोच्चि की श्रीलक्ष्मी जी ने 500 में से 499 अंक हासिल कर शीर्ष स्थान पाया है।  सात छात्रों ने 498 अंकों के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया है जबकि 14 छात्र 497 अंक हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे। तिरुवनंतपुरम (उत्तीर्ण प्रतिशत 99.60), चेन्नई (97.37) और अजमेर (91.86) सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले शीर्ष तीन क्षेत्र रहे।  दिल्ली में 78.62 प्रतिशत छात्र पास हुए।  बोर्ड ने कहा कि 1,31,493 अभ्यर्थियों ने 90 प्रतिशत और उससे अधिक अंक प्राप्त किए जबकि 27,426 अभ्यर्थियों ने 95 प्रतिशत और उससे अधिक अंक हासिल किए। 

दिव्यांग छात्रों का उत्तीर्ण प्रतिशत 92.55 रहा। इस श्रेणी में सन सिटी, गुडगांव की अनुष्का पांडा और गाजियाबाद के उत्तम स्कूल की सान्या गांधी ने 500 में से 489 अंक हासिल कर शीर्ष स्थान पाया। ओडिशा में धनपुर के जेएनवी की सौम्या दीप प्रधान ने 484 अंकों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया।  बोर्ड ने बताया कि दिव्यांग श्रेणी में 135 अभ्यर्थियों ने 90 फीसदी और उससे अधिक अंक हासिल किए जबकि 21 छात्रों ने 95 फीसदी और उससे अधिक अंक हासिल किए।  बोर्ड परीक्षा में 1,86,067 छात्रों को पूरक मिला है। दिल्ली-एनसीआर और झारखंड से प्रश्न पत्र लीक होने की खबरों के कारण इस बार बोर्ड की परीक्षाएं विवादों के घेरे में रही। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ‘‘छात्रों के हितों’’ में दसवीं कक्षा की गणित की परीक्षा फिर से ना कराने का फैसला किया था। सीबीएसई ने इस बार कंटीन्यूअस एंड कॉम्प्रिहेंसिव इवेल्यूएशन (सीसीई) को हटाने और नए सिरे से बोर्ड परीक्षाएं कराने का फैसला किया था जिसके तहत परीक्षा देने वाला यह दसवीं कक्षा का पहला बैच है। इस साल दसवीं कक्षा की परीक्षा के लिए 16 लाख से ज्यादा छात्रों ने पंजीकरण कराया था।

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