दुमका : हूल दिवस के अवसर पर विवि आयोजित करेगा साप्ताहिक समारोह का आयोजन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 28 मई 2018

दुमका : हूल दिवस के अवसर पर विवि आयोजित करेगा साप्ताहिक समारोह का आयोजन

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) सि का मू विश्वविद्यालय दुमका हुल दिवस को राष्ट्रीय मानचित्र पर लाने की दिशा में तत्पर है. विवि के कुलपति प्रो मनोरंजन सिन्हा ने कहा कि सिदो और कान्हू  की शहादत को  सम्मान दिलाना विश्वविद्यालय का पुनीत कर्तव्य है. इस वर्ष हुल की स्मृति में विश्वविद्यालय में पूरे सप्ताह तक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इसी क्रम में दिन सोमवार (28 मई 2018) को  में ई जे सोरेन, रामजन्म मिश्र, निर्मल सोरेन, वरिष्ठ पत्रकार अमरेन्द्र सुमन, जूनास मरांडी, मेरीला मुर्मू, चूंडा सोरेन सिपाही,  स्वतंत्र पत्रकार व जनमत शोध संस्थान के सचिव  अशोक सिंह आदि के साथ सीनेट सदस्य मृणाल मिश्रा एवं गरीब दास की मौजूदगी में सबसे विचार आमंत्रित किए गए।  वार्ता का  संयोजन  एस पी कॉलेज के संताली विभाग के अध्यक्ष डा सुशील तूडू एवं अंग्रेजी विभाग के डा अच्युत चेतन ने किया।   कुलपति प्रो मनोरंजन प्रसाद सिन्हा की अध्यक्षता में कुलपति कक्ष में नागरिक समाज के साथ आहुत वार्ता में कुलपति प्रो मनोरंजन प्रसाद सिन्हा ने कहा कि  विश्वविद्यालय के निर्णय लेने की प्रक्रिया में लोकतांत्रिक साझेदारी बढ़ाने का यह पहला अवसर है।  वार्ता के दौरान कुलपति ने नागरिक समाज के सदस्यों से हुल दिवस आयोजन से संबंधित सुझाव आमंत्रित किए. सदस्यों से पूछा गया कि हुल के संबंध में में सम्मान और चेतना बढ़ाने की दिशा में विश्विद्यालय कैसे कदम उठा सकता है. वार्ता में संताल संस्कृति और संताल परगना के महापुरुषों के प्रति सम्मान की अभिव्यक्ति की नई विधियां तलाशने की भी कोशिश की गई. इस क्रम में कई सुझाव आए. सबसे प्रमुख रूप से वार्ता में आए सदस्यों ने विश्विद्यालय से निवेदन किया कि सिदो कान्हू के आंदोलन और उनकी ऐतिहासिक परिस्थितियों पर पूर्णतः प्रामाणिक सामग्री तैय्यार कराई जाए तथा उपलब्ध कराई जाए. सिदो कांहू के चित्रण और अंकण में अभी तक कोई एकरूपता नहीं पाई जाती है. विभिन्न उद्देश्यों से बने चित्र, मूर्तियां, तथा अन्य प्रचलित कथाओं में इतनी विविधता है कि मूल तथ्य दब से गए हैं. वार्ता में शामिल साहेबगंज से आए  पत्रकार रामजन्म मिश्र ने  अनुरोध किया कि इस उद्देश्य से विश्वविद्यालय द्वारा  विशेषज्ञों की समिति नियुक्त की जाए और *एकरूप प्रामाणिक ज्ञान उपलबध* कराया जाए. वहीं दूसरी ओर यह सुझाव भी आया कि विश्वविद्यालय ऐसे विद्वानों, कलाकारों व  समीक्षकों को चिन्हित करे जिन्होंने *संताल संस्कृति और साहित्य के प्रति अपना जीवन समर्पित किया है और ठोस योगदान* किया है. हुल सप्ताह को विवि के अन्तर्गत आने वाले समस्त महाविद्यालयों में मनाने का भी आग्रह किया गया. यह आग्रह भी लिया गया कि कुलाधिपति-सह-राज्यपाल के माध्यम से विश्वविद्यालय यह  प्रयास करे कि *दिल्ली में होने वाली गणतंत्र दिवस की झांकी में भी हुल एवं सिदो कांहू की उपस्थिति* रहे. कुलपति ने वार्ता के माध्यम से संताल परगना के नागरिक समुदाय से भी अपील की कि वे विश्वविद्यालय के कर्तव्य निर्वहन में व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से यथासंभव योगदान करें.* *उन्होने निवेदन किया नागरिक समाज विश्वविद्यालय के लिए पाथ-फ़ाइन्दर (pathfinder) का काम करे  .विश्वविद्यालय संताल संस्कृति और हुल के सम्बंध में प्रामाणिक ज्ञान का अन्तरराष्ट्रीय स्तर का संसाधन बनने के लिए कृतसंकल्प है. 

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