नयी दिल्ली 28 मई, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ईरान, वेनुज़ुएला एवं रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों को नहीं मानने के संकेत देते हुए कहा कि भारत केवल संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को मान्यता देता है ना कि देश विशेष के प्रतिबंधों को। श्रीमती स्वराज ने अपने मंत्रालय की चार साल की उपलब्धियों की जानकारी देने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत सिर्फ संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को मान्यता देता है और किसी देश विशेष द्वारा लाये गए प्रतिबंधों को नहीं मानता। उनसे पूछा गया था कि ईरान के विदेश मंत्री माेहम्मद जावेद ज़रीफ की यात्रा के दौरान क्या ईरान ने भारत में अपना बैंक स्थापित करके कारोबार करने का प्रस्ताव किया है। उनसे वेनेजुएला द्वारा क्रिप्टो करंसी से भी तेल का भुगतान करने के प्रस्ताव पर सवाल किया गया था। विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के तरफ से भारत को बैंक खोलने का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। जबकि क्रिप्टो करंसी को भारत की रिजर्व बैंक ने प्रतिबंधित किया है इसलिए उस प्रस्ताव पर आगे बढ़ने का कोई सवाल नहीं उठता। अमेरिका द्वारा प्रवासी भारतीयों के लिए एच1बी तथा उनके जीवनसाथियों के एच4 वीसा के बारे में जारी अनिश्चितता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि एच-1बी वीजा ओबामा प्रशासन के समय में शुरू हुआ था। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प उसकी विवेचना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम तीनों तरफ से इन वीजा को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। हम सीनेटर्स, कांग्रेसमैन और व्हाइट हाउस से भी बात कर रहे हैं। 130 सदस्यों ने ट्रम्प को लिखा है कि आप एच4 वीजा को खत्म ना करें। लेकिन, ये फैसला श्री ट्रम्प लेंगे। मैं ये आश्वासन देती हूं कि हम अपने प्रयास में कोई कमी नहीं रखेंगे।”
मंगलवार, 29 मई 2018
अमेरिकी प्रतिबंधों को नहीं मानेगा भारत
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