पांच साल में रेलवे दिलाएगी लेटलतीफी, लंबी वेटिंग लिस्ट से निजात - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 30 मई 2018

पांच साल में रेलवे दिलाएगी लेटलतीफी, लंबी वेटिंग लिस्ट से निजात

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नयी दिल्ली 29 मई, भारतीय रेलवे ने अगले पांच साल में क्षमता में करीब दोगुनी वृद्धि करने और दो अरब टन मालवहन में सक्षम बनने का लक्ष्य तय किया है और उसी के साथ गाड़ियाें की लेटलतीफी एवं लंबी प्रतीक्षासूची की समस्या से हमेशा के लिए निजात मिलने का भरोसा जताया है। रेलवे बोर्ड के सदस्य (यातायात) मोहम्मद जमशेद ने यहां संवाददाताओं से रेलवे के चार साल की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि मई 2014 से 2018 के बीच रेलवे करीब तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक का पूंजी निवेश कर चुकी है और इस साल एक लाख 46 हजार करोड़ रुपए का निवेश करेगी। रेलवे ने 2014 में क्षमता वृद्धि के काम को हाथ में लिया है। उन्होंने कहा कि एक साल में पांच हजार चौकीदार रहित लेवल क्रॉसिंग को समाप्त करना है। श्री जमशेद ने कहा कि मार्च 2020 तक पूर्वी एवं पश्चिमी समर्पित मालवहन गलियारों पर परिचालन शुरू हो जायेगा। इससे दिल्ली से मुंबई के बीच चार गुना सामान लेकर मालगाड़ियां 14 से 18 घंटे में पहुंच सकेंगी। उन्होंने कहा कि तापविद्युतगृहों में इस साल 55.5 करोड़ कोयले की रिकॉर्ड ढुलाई हुई है। देश के सभी 114 बिजलीघरों में औसतन 450 रैकों से कोयला ढुलाई होती थी जो इस साल बढ़कर साढ़े पांच सौ वैगन हो गयी है। विद्युतीकरण तेजी से किया जा रहा है। गत वर्ष 4000 किलोमीटर का विद्युतीकरण किया गया था जबकि इस साल का लक्ष्य 5000 किलोमीटर का है। इस समय कुल 30 हजार किलोमीटर लाइन गैर विद्युतीकृत है। डीज़ल पर खर्च 13 हजार करोड़ रुपए और बिजली पर करीब नौ हजार करोड़ रुपए आ रहा है। 

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दिल्ली के तापविद्युतगृहों में पर्याप्त कोयला आपूर्ति सुनिश्चित की गयी है। वहां कल बदरपुर में तीन रैक, दादरी में 8 रैक और झज्जर में भी पर्याप्त से अधिक रैक कोयला पहुंचाया गया है।  उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 तक भारतीय रेलवे की मालवहन क्षमता दो अरब टन करने का लक्ष्य होगा जो उस समय के कुल मालवहन का 40 प्रतिशत होगा जो अभी 33 प्रतिशत है। रेलवे ने मालवहन के लिए इस साल 40 हजार वैगनों का ऑर्डर दिया है। पांच साल में एक लाख वैगन खरीदे जाएंगे, जबकि यात्री कोचों की निर्माण क्षमता चार हजार कोच प्रतिवर्ष को बढ़ाकर छह हजार कोच प्रतिवर्ष करने का लक्ष्य है। सभी कोच एलएचबी होंगे। इसके अलावा 750 लोकोमोटिव का ऑर्डर दिया गया है।  उन्होंने कहा कि गत चार साल में हर मद में क्षमता निर्माण के कार्य को आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया है। विभिन्न उपायों से राजस्व और यात्रियों की संख्या में भी रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गयी है। रेलवे के ट्रैक नवीकरण का काम का निश्चित लक्ष्य करीब 3000 किलोमीटर का है लेकिन विगत लंबे अरसे से केवल 1500 से 2000 किलोमीटर तक का नवीकरण हो पा रहा था। उन्होंने कहा कि गत वर्ष दुर्घटनाओं के बाद निर्णय लिया गया कि रखरखाव एवं नवीकरण का काम का बैकलॉग पूरा किया जाए।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में करीब 4200 किलोमीटर का ट्रैक नवीकरण किया गया और इस साल पांच हजार किलोमीटर का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रकार से यह काम 70 प्रतिशत पूरा हो जाएगा। इससे गाड़ियों की गति पर पाबंदी भी कम होंगी आैर गाड़ियों की रफ्तार बढ़ेगी। इसके अलावा अतिरिक्त रैक उपलब्ध कराके विलंब से चलने वाली गाड़ी के परिचालन को ठीक करने का उपाय किया जा रहा है। श्री जमशेद ने कहा कि वर्ष 2022-23-24 तक भारतीय रेलवे की तस्वीर बदल चुकी होगी और हमारे लक्ष्य के मुताबिक हम दो अरब टन मालवहन करने में सक्षम होंगे। उस समय तक गाड़ियाें की लेटलतीफी एवं लंबी प्रतीक्षासूची की समस्या से हमेशा के लिए निजात मिल चुकी होगी। उन्होंने कहा कि गाड़ियों के परिचालन लागत में भी कमी आएगी जिसका लाभ यात्रियों एवं उपभोक्ताओं को दिया जाएगा। 

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