पुतिन से बातचीत से भारत-रूस संबंधों को मजबूती मिलेगी : मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 20 मई 2018

पुतिन से बातचीत से भारत-रूस संबंधों को मजबूती मिलेगी : मोदी

indo-us-relation-strong-with-putin-said-modi
नयी दिल्ली , 20 मई, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी प्रस्तावित बातचीत से भारत और रूस के बीच ‘विशेष और विशेषाधिकार युक्त’ रणनीतिक भागीदारी को और अधिक मजबूती मिलेगी।  मोदी ने रूस यात्रा पर रवाना होने की पूर्व संध्या पर एक साथ कई ट्वीट कर कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ उनकी बातचीत द्विपक्षीय रिश्तों को नयी ऊंचाई पर ले जायेगी। पहले रूसी भाषा और फिर अंग्रेजी में किये ट्वीट में उन्होंने कहा ‘‘ मुझे विश्वास है कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ बातचीत भारत और रूस के बीच विशेष एवं विशाधिकार युक्त रणनीतिक भागीदारी और अधिक मजबूत होगी। ’’  एक अन्य ट्वीट में मोदी ने रूस के लोगों को शुभकामनायें देते हुये लिखा ‘‘ मैं सोची के कल के अपने दौरे और राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपनी मुलाकात के प्रति आशान्वित हूं। उनसे मिलना मेरे लिये हमेशा सुखदायी रहा है। ’’  रूस के सोची शहर में सोमवार को होने वाली दोनों नेताओं की अनौपचारिक शिखर बैठक में वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों के अलावा ईरान के साथ परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने पर विशेष रूप से चर्चा होगी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मोदी और पुतिन के बीच ‘ बिना किसी एजेंडे ’ की भी बातचीत होगी। लगभग चार से छह घंटों की इस मुलाकात में द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत की संभावना बहुत कम है।  इस दौरान दोनों नेताओं के बीच बातचीत के मुद्दों में ईरान के साथ परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने से भारत और रूस पर पड़ने वाले आर्थिक असर , सीरिया और अफगानिस्तान के हालात , आतंकवाद के खतरे तथा आगामी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और ब्रिक्स सम्मेलन से संबंधित मामलों के शामिल होने की संभावना है।  इस बीच सूत्रों ने स्पष्ट किया कि भारत रूस के साथ अपने रक्षा सहयोग को निर्देशित करने की किसी अन्य देश को इजाजत कभी नहीं देगा। पुतिन और मोदी के बीच अनौपचारिक बैठक का मकसद दोनों देशों के बीच मैत्री और आपसी विश्वास का इस्तेमाल कर वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर के अहम मुद्दों पर आम राय कायम करना है। इस दौरान दोनों नेता भारत रूस असैन्य परमाणु सहयोग को अन्य देशों तक आगे बढ़ाने पर भी चर्चा कर सकते हैं। 

कोई टिप्पणी नहीं: