बिहार : पटना में कारगिल चौक पर विशाल प्रतिवाद सभा, 20 हजार से अधिक की भागीदारी. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 23 मई 2018

बिहार : पटना में कारगिल चौक पर विशाल प्रतिवाद सभा, 20 हजार से अधिक की भागीदारी.

  • मोदी सरकार के चार साल, देश का हुआ बुरा हाल - जेजा 
  • प्रतिबंधों को तोड़ते हुए किया मार्च और 31 सूत्री ज्ञापन सरकार को सौंपा.

जन एकता जन अधिकार आंदोलन
पटना 23 मई 2018, जन एकता जन अधिकार आंदोलन (जेजा), बिहार समन्वय की ओर से 16-22 मई तक चले जन अभियान के प्रथम चरण के समापन के मौके पर आज कारगिल चैक, गांधी मैदान में विराट पेाल खोल हल्ला बोल प्रतिरोध सभा का आयोजन किया गया, जिसमें बीसियों हजार की संख्या में मजदूर-किसान, छात्र-नौजवान, आशा-रसोइया-आंगनबाड़ी समेत तमाम तरह के स्कीम वर्करों, महिलाओं, दलित-अकलियत संगठन से जुड़े सदस्यों ने भाग लिया. मोदी सरकार का 4 साल-देश का बुरा हाल के बैनर से आयोजित पोल खोल हल्ला बोल सभा में 31 सूत्री मांगों केो सामने लाते हुए देश के संविधन, लोकतांत्रिक ढांचे, संवैधानिक संस्थाओं, दलित-अकलियातों-महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों पर बढ़ते हमले और किसानों की हकमारी व मजदूरों के अधिकारों को छीनने के खिलाफ अभियान तेज करने का संकल्प सभा से लिया गया. महिलाओं के खिलाफ बर्बर हिंसा के पक्ष में राष्ट्रीय झंडा लेकर भाजपा नेताओं के उतरने की घटना ने पूरी दुनिया में भारत को शर्मसार किया है.  समान काम के लिए समान वेतन, आशा-रसोइया-आंगनबाड़ी समेत सभी स्कीम कर्मियों के स्थायीकरण व पूर्ण वेतन की मांग उठायी गई तथा 60 साल के ऊपर के सभी पुरुष-महिलाओं को 5000रु/ के अनिवार्य पेंशन की व्यवस्था करने, किसानों का कर्ज माफ करने, बिना वैकल्पिक व्यवस्था के गरीबों को उजाड़ने के अभियान पर रोक लगाने तथा सभी गरीबों-भूमिहीनों को 10 डिसमिल और पक्का मकान देने की बात मजबूती से उठायी गयी. वक्ताओं ने मोदी सरकार पर हमला करते हहुए कहा कि इस सरका रने नोटबंदी, जीएसटी, खुदरा व्यापार में एफडीआई और बैंकों के दिवालिएपन की स्थिति में पहुंचाकर अर्थव्यवस्था को बंद गली में धकेल दिया है. सरकार कारपोरेट के लिए कारपोरेट के द्वारा संचालित है और देश के मजदूर-किसान अपने ही देश में बेगाने हो गए हैं.

भारत आज पूरी दुनिया में सर्वाधिक बेरोजगारी वाला देश हो गया है तथा ज्ञान-विज्ञान-शिक्षा पर भगवा हमला तेज करते हुए भारत को दशकों पीछे धकेलने का काम किया है. शिक्षा व स्वास्थ्य का निजीकरण किया जा रहा है. उन्होंने इस बात पर जोर किदया कि आरएसएस विचारधारा को संरक्षण के जरिए देश के लोकतांत्रिक मूल्य तथा गंगा-जमुनी तहजीब और सभी विरासत को नष्ट-विनष्ट किया जा जा हरा है. एससी-एसटी कानून में संशोधन के जरिए सामंती ताकतों के मनोबल को मजबूत किया जा रहा है. सभा से मांग की गई कि मोदी सरकार संशोधन वापस लेने के लिए तत्काल अध्यादेश लाए. नेताओं ने सभा से इस बात के लिए नीतीश सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा के साथ जाकर नीतीश सरकार बिहार के विकास का एजेंडा को भुलाकर भाजपाई एजेंडा के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. किसानों की कर्ज माफी, मुआवजा, बंद चीनी , पटसन, व अन्य मिलों को चालू करने तथा शिक्षा में मुकम्मल सुधार के मुद्दे पर कोई बात नहीं हो रही है और दलित-गरीबों का वास-आवास और जमीन से बेदखली हो रही है.  सभा को अन्य लोगों के अलावे अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के महासचिव व पूर्व सांसद नागेन्द्र नाथ ओझा, सीटू के राज्य नेता अरूण कुमार मिश्रा, अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह विधायक सत्यदेव राम, आॅल इंडिया किसान-खेत मजदूर संगठन के कृष्णेदव साह, आॅल इंडिया यूथ लीग के अमरेश कुमार, अखिल भारतीय मजदूर यूनियन के राज्य सचिव नृपेन कृष्ण महतो, स्वराज अभियान के बिहार के नेता गौतम गुुप्ता, अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) की महासचिव मीना तिवारी, भारतीय महिला फेडरेशन की निवेदिता झा, जनवादी महिला समिति की राज्य सचिव गीता सागर, बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव अशोक प्रसाद सिंह, एआईकेएस बिहार के विनोद कुमार, एआईडीवाईओ के राज्य सचिव उमाशंकर वर्मा, अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह विधायक सुदामा प्रसाद, ऐक्टू के राज्य सचिव मंडल के सदस्य रणविजय कुमार, एआईएसएफ के सुशीलन कुमार आदि ने संबोधित किया. ऐडवा नेत्री रामपरी देवी, शशि यादव, सुशीला सहाय, राजश्री आदि कार्यक्रम में प्रमुखता से उपस्थित थीं. 

सभा की अध्यक्षता सरोज चैबे, जानकी पासवान, ललन चैधरी, प्रमोद कुमार, दिनेश कुमार अकेला कर रहे थे. वहीं अभियान का संचालन राज्य में गठित जेजा संचालन समिति के धीरेन्द्र झा, गणेश शंकर सिंह, अशोक प्रसाद सिंह, सूर्यंकर जितेन्द्र और नृपेन कृष्ण महतो आदि ने किया. संचालन समिति के सदस्यों ने अभियान की सफलता के लिए राज्य भर के साथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया . तमिलनाडु गोलीकांड के लिए कारपोरेट राज को दोषी ठहराया तथा इसका प्रतिवाद तेज करने का आह्वान किया. संचालन समिति ने सभा की समाप्ति पर आह्वान किया कि सरकार जुलूस-प्रदर्षन के संवैधानिक अधिकरों को सीमित कर रही है, इसलिए प्रतिबंधों को तोड़ते हुए स्टेशन तक मार्च किया. यह जनांदोलन की बड़ी जीत है. संचालन समिति ने जेजा को लोकप्रिय बनाने, अन्य प्रगतिशील संगठनों को इससे जोड़ने तथा मोदी सरकार के खिलाफ निर्णायक मुहिम तेज करने का आह्वान किया.

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