दुमका (अमरेन्द्र सुमन) आदिवासियों के बीच खोई प्रतिष्ठा को प्राप्त करने, भाजपा को उखाड़ फेंकने व झाविमों के नेतृत्व में अगली सरकार बनाने की कवायद में बाबूलाल मराण्डी ने जिलास्तर पर आदिवासी महासभा का आयोजन करना अभी से ही शुरु कर दिया है। दुमका के आउटडोर स्टेडियम में दिन शनिवार (26 मई 18) की देर शाम पूर्व मुख्यमंत्री व झाविमांे सुप्रिमों बाबूलाल मराण्डी ने विकास के नाम पर केन्द्र की मोदी सरकार व सूबे की रघुवर सरकार को आड़े हाथों लिया। श्री मराण्डी ने कहा अगली पंक्ति में झारखण्ड अलग राज्य की लड़ाइ्र्र में शामिल आदिवासियों को अभी तक बरगलाया ही जाता रहा। दो वर्ष चार महीनें की उनकी सरकार के बाद आज तक किसी सरकार ने आदिवासियों के हक-हकुक के लिये नहीं सोंचा। किसी सरकार ने कोई काम नहीं किया। इस राज्य के आदिवासियों के अच्छे दिन तभी आएंेंगे जब झाविमांे की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा अडानी, अंबानी जैसे पूँजीपतियों के लिये ही केन्द्र व राज्य की सरकारें सोंचा करती है। ऐसे पूँजीपतियों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है। श्री मराण्डी ने कहा अभी तक 35 लाख हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण के बाद विस्थापितों के पुर्नवास की व्यवस्था नहीं हो पायी है। उन्हें वाजिब मुआवजा नही ंमिल पाया है। हजारों गाँव व लाखों लोग विस्थापित हैं। विस्थापन व पुर्नवास आयोग का गठन न कर सरकार फिर से लोगों को उजाड़ने का काम कर रही है। केन्द्र व राज्य सरकार की विकास विरोधी नीतियों से गाँव‘-गाँव तक लोगों को अवगत कराते रहने की जरुरत है। श्री मराण्डी ने का कागजों पर ही योंजनाएँ बनायी जा रही हैं। अपने भाषणों में पीएम मोदी झारखण्ड सरकार की नीतियों का खुलकर समर्थन करते हैं किन्तु विकास किस चिड़िया का नाम है यहाँ कोई नहीं जानता। श्री मराण्डी ने कहा चाहे शिक्षा की बात हो या फिर चिकित्सा की। सरकार हर मोर्चे पर फेल्योर रही है। उन्होंने कहा भविष्य में यदि उनकी सरकार बनी तो उच्चस्तरीय शिक्षा के लिये सरकार अपने खर्च पर बिद्यार्थियों को पढ़ने की सुविधाएँ प्रदान करेंगी। इससे पूर्व प्रदीप यादव ने कहा कि साढ़े चार वर्षों के कार्यकाल में मोदी व चार वर्षों के कार्यकाल में रघुवर सरकार ने कुछ भी नहीं किया। भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को बदलने का प्रयास इस सरकार ने किया। मोदी ने जितनी भी योजनाएँ बनायी सभी पूँजीपतियों के लिये बनाई। आम आदमी को झुनझुना पकड़वा दिया। आदिवासियों का आहवान करते हुए कहा कि भविष्य में जबभी झाविमों की सरकार बनती है वर्ष 1936 को ही आधार वर्ष बनाऐगी। श्री यादव ने कहा मोदी अमित साह लुटेरे हैं। वर्ष 2016-17 में फसल बीमा के नाम पर बतौर प्रिमियम केन्द्र की सरकार ने 14 हजार करोड़ रुपये जमा करवा लिये। एसपीटी व सीएनटी एक्ट यहाँ के निवासियों के लिये रक्षा कवच है। एसपीटी एक्ट में परिवर्तन झाविमों बर्दाश्त नहीं करेगी। पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की, पूर्व विधायक मिस्त्री सोरेन, छोटू मुर्मू, अंजुला मुर्मू, व अन्य ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये। झाविमों केन्द्रीय समिति सदस्य पिंटु अग्रवाल, धर्मेन्द्र सिंह उर्फ बिट्टू सिंह, मो0 जीमल, विवेकानन्द राय व अन्य सक्रिय कार्यकर्ता इस अवसर पर उपस्थित थे। दुमका जिला अन्तर्गत तमाम 206 पंचायतों के आदिवासी कार्यकर्ता व आम जनता बाबूलाल मरांडी को सुनने आए थे।
शनिवार, 26 मई 2018
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दुमका : आदिवासी कार्यकर्ता सम्मेलन के रुप में झाविमों ने किया आसन्न विस चुनाव का आगाज
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