सभ्यता द्वार बिहार के गौरवशाली इतिहास का संकेत : नीतीश कुमार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 22 मई 2018

सभ्यता द्वार बिहार के गौरवशाली इतिहास का संकेत : नीतीश कुमार

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पटना 21 मई, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजधानी पटना में बने सभ्यता द्वार को राज्य के गौरवशाली इतिहास का संकेत बताया और कहा कि यह लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। श्री कुमार ने आज यहां सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित सभ्यता द्वार का लोकार्पण करने के साथ ही 486.47 करोड़ रुपये की 187 योजनाओं का लोकार्पण एवं 16.32 करोड़ रुपये की चार योजनाओं का रिमोट कंट्रोल के माध्यम से शिलान्यास भी किया। उन्होंने इस मौके पर कहा कि यह सभ्यता द्वार बिहार के गौरवशाली इतिहास का संकेत है और यह लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का गौरवशाली इतिहास सकारात्मकता पर आधारित है। उन्होंने कहा कि सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र में पहले ज्ञान भवन, फिर बापू सभागार और अब सभ्यता द्वार का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है। आज ही सम्राट अशोक की सांकेतिक मूर्ति भी स्थापित की गई है, जो अशोक के चंडाशोक से धम्माशोक में रूपांतरण का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि मौर्य वंश के इतिहास का उल्लेख करते हुये कहा कि पाटलिपुत्र अशोक एवं उनके दादा चंद्रगुप्त मौर्य की भी राजधानी थी। पाटलिपुत्र का निर्माण अजातशत्रू ने करवाया था। महात्मा बुद्ध उत्तर बिहार जाने के क्रम में पाटलिपुत्र से गुजरे थे और इसके बार में जो प्रतिक्रिया व्यक्त की गई थी उसी को सभ्यता द्वार पर भी अंकित की गई है।

श्री कुमार ने कहा कि ज्ञान भवन का उद्घाटन चंपारण सत्याग्रह के सौ वर्ष पूरे होने पर पिछले वर्ष 10 अप्रैल को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों पर आधारित दो दिवसीय विमर्श के दौरान किया गया था। पिछले वर्ष ही 02 अक्टूबर को बापू सभागार का उद्घाटन बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के अभियान की शुरूआत से की गई थी। ज्ञान भवन एवं बापू सभागार की प्रशंसा बाहर के लोग करते हैं। उन्होंने कहा कि तीसरे कृषि रोड मैप की शुरुआत इसी ज्ञान भवन से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की थी और उन्होंने इस भवन की काफी प्रशंसा की थी। राजगीर कन्वेंशन सेंटर पंच पहाड़ी के निकट बना है, यह भी अद्भुत है। यहां पर केंद्र सरकार के कार्यक्रम, पार्लियामेंट कमेटी की मीटिंग, नालंदा विश्वविद्यालय की शुरूआत जैसे कई कार्यक्रम किए गए हैं और सभी लोगों ने इसकी काफी प्रशंसा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह बिहार संग्रहालय राष्ट्रीय स्तर का बना है उसकी चर्चा दुनिया में हो रही है। इसका ढांचा भी अपने आप में संग्रहालय का रूप ले रहा है। कुछ दिनों में ही पुलिस भवन का निर्माण पूर्ण हो जाएगा। यह आधुनिक तकनीक से निर्मित बेहतर भवन का प्रतीक होगा। यह भवन भूकंपरोधी और अग्निरोधी है, आठ रिक्टर स्केल के भूकम्प पर भी यह सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि बगल में गंगा पथ बन रहा है। सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र का दृश्य आने वाले समय में और भी अद्भुत लगेगा। राज्य में पुल-पुलियों का निर्माण के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, समाज कल्याण सभी क्षेत्रों में काम किया जा रहा है।

श्री कुमार ने कहा कि उनकी सरकार पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) को विश्वस्तरीय अस्पताल बनाना चाहती हैं। भवन की डिजाइन एवं कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) का विकास किया गया है। आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, चाणक्य लॉ इंस्टीच्यूट, चंद्रगुप्त मैनेजमेंट इन्स्टीच्यूट जैसे कई संस्थान बनाए गए हैं और सभी का नामकरण उन शख्सियतों के अर्थपूर्ण भाव को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि बिहार का इतिहास गौरवशाली रहा है। यहां चाणक्य, चंद्रगुप्त, शून्य का आविष्कार करने वाले आर्यभट्ट रहे हैं। बोधगया में बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ, महावीर का यहीं जन्म हुआ, ज्ञान प्राप्ति हुई एवं यहीं उनका निर्वाण हुआ। आजादी की पहली लड़ाई लड़ने वाले बाबू वीर कुुुंवर सिंह यहीं के योद्धा थे। सौ साल पहले गांधीजी यहां आए थे और जनता को जोड़कर आजादी की लड़ाई को तीस वर्ष के अंदर ही जीत ली।  इस मौके पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यह प्राचीन बिहार के गौरवशाली इतिहास की झांकी है। भारत को एकीकृत करने वाले चन्द्रगुप्त, सम्राट अशोक एवं भगवान बुद्ध के संदेशों से युक्त यह सभ्यता द्वार प्राचीन बिहार की गौरव गाथा का बयान करेगा। उन्होंने कहा कि किसी राज्य के विकास का पैमाना कानून-व्यवस्था की स्थिति,अच्छी सड़कें और बिजली ही नहीं अच्छे और दर्शनीय भवन भी हैं। आज भी लोग बिहार आकर गोलघर देखते हैं। पिछले 12 वर्षों में बिहार में अनेक आइकॉनिक भवन बने हैं, जिनमें राजगीर का कन्वेंशन सेंटर, बिहार म्यूजियम, अरण्य भवन, गांधी मूर्ति एवं बापू सभागार शामिल हैं। आने वाली नस्लें वर्षों तक याद रखेगी कि कोई ऐसी सरकार भी थी जिसने ऐसा काम किया।

श्री मोदी ने कहा कि मुम्बई का गेटवे ऑफ इंडिया, दिल्ली का इंडिया गेट और फतेहपुर सीकरी के बुलंद दरवाजा की श्रृंखला में ही यह सभ्यता द्वार भी है, जो लोगों को बिहार के प्राचीन गौरवशाली पाटलिपुत्र का अहसास दिलाएगा। उन्होंने कहा कि ढाई हजार साल पहले मेगस्थनीज ने अपनी पुस्तक इंडिका में प्राचीन पाटलिपुत्र को भारत का सबसे बड़ा और पुराना नगर बता कर इसका गौरवगान किया है। सभ्यता द्वार के जरिये आने वाली पीढियां बिहार के गौरावशाली इतिहास को जानेगी, समझेगी। सभा को भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी और भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार पारस, उद्योग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री जयकुमार सिंह, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल, सहकारिता मंत्री राणा रंधीर सिंह, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री रमेश ऋषिदेव, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, अध्यक्ष सह सदस्य राजस्व पर्षद सुनील कुमार सिंह, कृषि विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा एवं मनीष कुमार वर्मा, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव पंकज कुमार, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग के सचिव प्रेम सिंह मीणा, भवन निर्माण विभाग के प्रबंध निदेशक साकेत कुमार, मुख्यमंत्री सचिवालय के विशेष सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय पदाधिकारी, भवन निर्माण विभाग के अभियंता एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। 

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