2019 चुनाव में भी ‘किंगमेकर’ ही रहूंगा, ‘किंग’ नहीं : चंद्रबाबू नायडु - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 30 मई 2018

2019 चुनाव में भी ‘किंगमेकर’ ही रहूंगा, ‘किंग’ नहीं : चंद्रबाबू नायडु

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विजयवाड़ा, 30 मई, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिये जाने के कारण केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाता तोड़ चुके राज्य के मुख्यमंत्री एवं तेलुगुदेशम पार्टी प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू ने स्पष्ट किया है कि 2019 के आम चुनाव में वह ‘किंगमेकर’ होंगे, न कि ‘किंग।’ स्थानीय सिद्धार्थ इंजीनियरिंग कॉलेज मैदान पर तीन दिनों तक चले पार्टी के वार्षिक सम्मेलन ‘महानाडु’ के कल समापन के बाद दिल्ली के मीडियाकर्मियों से अलग से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री बनने की उनकी कोई निजी तमन्ना नहीं है। उन्होंने कहा, “हम एक जिम्मेदार पार्टी हैं। मेरी कोई निजी तमन्ना (प्रधानमंत्री बनने की) नहीं है। मैंने पहले भी गठबंधन की दो सरकारें बनवाने में मदद की थी, लेकिन कभी उसके बदले कुछ नहीं मांगा। इस बार भी हम ‘किंगमेकर’ ही बनेंगे, ‘किंग’ नहीं।” उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों में ‘जुमलेबाज’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने की उम्मीदों पर पानी फेरने में दक्षिण भारतीय क्षेत्रीय दलों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि मोदी सरकार की कथनी और करनी में भारी अंतर है। श्री नायडू ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य दर्जा न दिये जाने को लेकर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मोदी सरकार द्वारा प्रदेश की मांग को नजरंदाज करके दक्षिण भारतीय राज्यों में भाजपा के प्रवेश का बेहतरीन मौका गंवा दिया। तेदेपा प्रमुख ने भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ श्री मोदी के अभियान को झूठ का पुलिंदा करार देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की ईमानदार नेता की छवि कर्नाटक चुनावों में पूरी तरह धूमिल हो चुकी है। भाजपा ने कर्नाटक चुनाव में भ्रष्ट उम्मीदवारों को मौका दिया। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारतीय राज्य मोदी सरकार से बहुत ही नाराज हैं और केंद्र में अगली सरकार क्षेत्रीय दलों के गठबंधन की होगी। श्री नायडू ने कहा, “क्षेत्रीय दल कांग्रेस और भाजपा दोनों से लड़ने के लिए एक साथ आयेंगी। यदि आप इतिहास खंगालेंगे तो आपको खुद पता चल जायेगा कि दोनों राष्ट्रीय दल गैर-जिम्मेदार रहे हैं। हमें दोनों के साथ लड़ना है।”

आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों एवं इसे विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने सहित विभिन्न मुद्दों पर केंद्र सरकार के ‘असहयोगात्मक’ रवैये पर श्री नायडु ने सवाल खड़े किये। उन्होंने कहा, “क्या भाजपा नीत केंद्र सरकार इस बात का जवाब देगी कि सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली पार्टी क्यों इस मोर्चे पर असफल रही। पिछले चार वर्षों में देश में बेरोजगारी 6.23 प्रतिशत बढ़ गयी है।” श्री नायडू ने मोदी सरकार के कार्यकाल में बगैर सोचे-विचारे नोटबंदी करने, बैंकिंग व्यवस्था के खस्ताहाल हो जाने और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कथित रूप से असफल रहने का मुद्दा भी उठाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान परेशान हैं, फटेहाल हैं, बेरोजगारी बढ़ी है। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। देश की जनता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में भरोसा खो बैठी है।  उन्होंने नीरव मोदी, विजय माल्या और ललित मोदी से जुड़े घोटालों का जिक्र करते हुए कहा, “हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले तथा काला धन लाने का सब्जबाग दिखाने वाले श्री मोदी के वायदे झूठ का पुलिंदा साबित हो रहे हैं और इसका खामियाजा उन्हें आम चुनावों में भुगतना ही पड़ेगा।” गौरतलब है कि पार्टी ने तीन दिन के सम्मेलन के बाद एक प्रस्ताव पारित करके मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा कसने की कार्यकर्ताओं से अपील की।

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