आर्यावर्त डेस्क (विजय सिंह), 2 जून, महिला - स्वास्थ्य देश में आम तौर पर महिलाओं को किसी प्रकार की शारीरिक तकलीफ होने पर ,वो जल्दी न तो किसी चिकित्सक के पास जाती हैं न ही परिवार में किसी से सलाह करती हैं. कई बार ऐसी ही गलती काफी नुकसानदेह साबित होती हैं. लापरवाही की वजह से कई दफा महिलाएं सोचती हैं कि २० वर्ष की उम्र में उन्हें कोई तकलीफ नहीं हो सकती. इतनी कम उम्र में शायद ही कोई महिला स्तन और डिंबग्रंथि कैंसर के बारे में कभी सोचे. इगेनोमिक्स इंडिया की प्रयोगशाला प्रबंधक डॉ रजनी खजुरिया कहती हैं कि स्तन य डिम्बग्रंथि कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है ,परन्तु थोड़ी सी सावधानी से इनसे बचा जा सकता है. रजनी बताती हैं कि कैंसर कई बार विरासत में भी मिल जाता है और इसके लिए कोई उम्र निर्धारित नहीं है.कुछ लोगों के जीन इन कारणों से जल्दी चपेट में ले लेते हैं. रजनी खजुरिया के अनुसार जिन्हे नुकसानदेह जीन विरासत में मिला हो उनके बच्चों में इसके प्रवर्तित होने के ५० प्रतिशत ज्यादा सम्भावना रहती है.जिन महिलाओं में स्तन कैंसर संवेदनशील जीन (बी आर सी ए) की प्रवर्तितता ज्यादा रहती है उनमें स्तन या डिंबग्रंथि कैंसर की सम्भावना ज्यादा रहती है और यह कम उम्र में भी हो सकता है. यही बी आर सी ए १ और बी आर सी ए २ जीन अनुवांशिक स्तन और डिंबग्रंथि कैंसर ( एच बी ओ सी ) के प्रमुख कारक हैं.यही जीन कोशिका क्षति की मरम्मत के लिए प्रोटीन का निर्माण करते हैं.यदि इनमें से कोई भी जीन प्रवर्तित या क्षतिग्रस्त होता है तो प्रोटीन मरम्मत की प्रक्रिया में ह्रास या अनुपस्थिति दर्ज हो जाती है. हालाँकि सभी कैंसर अनुवांशिक नहीं होते और कई दफा इसकी कोई प्रामाणिक वजह भी नहीं मालूम हो पाती है. फिर भी यदि समय रहते प्रारंभिक दौर में रोग का पता लग जाये तो समुचित इलाज से उत्तरजीविता की सम्भावना काफी अधिक बढ़ जाती है.
शनिवार, 2 जून 2018
स्तन और डिम्बग्रंथि कैंसर से सावधानी जरुरी - डॉ.रजनी
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