बिहार : वन - विभाग द्वारा 8 लाख रू.राजस्व क्षतिपूर्ति की मांग - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 17 जून 2018

बिहार : वन - विभाग द्वारा 8 लाख रू.राजस्व क्षतिपूर्ति की मांग

  • देश में वनाधिकार कानून 2006 है लागू, इस कानून के तहत ही वनभूमि का स्वामित्व पट्टा मांग रहे हैं केस के घेरे में आए लोग

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पटना (आर्यावर्त डेस्क) .देश में वनाधिकार कानून 2006 लागू है.वनभूमि पर रहने वालों के लिए यह कानून वरदान है.मगर दुर्भाग्य से बेहतर ढंग से इसको क्रियान्वयन नहीं करने से सरकार की किरकिरी हो रही है.वन-विभाग दुविधा में है कि वनभूमि पर अतिक्रमण करने वालों पर केस करें या वनाधिकार कानून 2006 के तहत भूमि स्वामित्व प्रदान कर दें.पश्चिमी चम्पारण जिले के बगहा प्रखंड दो के नवरंगिया दरदरी से  पटना में रविंद्र शर्मा, मोती चौधरी, धर्मेंद्र साह,ज्ञांति देवी,राजमति देवी,तपेश्वरी देवी,दुर्गावती देवी,बेचनी देवी व बिजुल देवी समेत 9 लोग आकर एकता महिला मंच बिहार के बैनर तले ए.एन.सिन्हा इंस्टीच्यूट में राज्यस्तरीय युवा महिला भूमि अधिकार सम्मेलन में हिस्सा लिये. इस अवसर पर ज्ञांति देवी ने कहा कि कई पीढ़ियों से वनभूमि पर रहते आ रहे हैं.देश में वनाधिकार कानून 2006 लागू है.वनभूमि पर रहने वालों के लिए यह कानून वरदान है.मगर दुर्भाग्य से इसको बेहतर ढंग से क्रियान्वयन नहीं करने से सरकार की किरकिरी हो रही है.वन-विभाग दुविधा में है कि वनभूमि पर अतिक्रमण करने वालों पर केस करें या वनाधिकार कानून 2006 के तहत भूमि स्वामित्व प्रदान कर दें.

उन्होंने कहा कि वन-विभाग, बिहार की अक्षमता का आलम यह है कि 28.05.2005 को नकहवा उपखंड ,मदनपुर प्रक्षेत्र के वनरक्षी सोना चन्द राम ने दबंग व्यक्तियों के शह पर अपराध प्रतिवेदन तैयार कर वन प्रमंडल पदाधिकारी -सह- उप निदेशक,बाल्मीकि ब्याध्र परियोजना प्रमंडल -2 बा० नगर को पेश किया है. अपराध प्रतिवेदन सं.660971 दिनांक 28.5.2005 है.इसमें कहा गया है कि दिनांक 28.5.2005 को लगभग 8 बजे सुबह में मदनपुर वन कक्ष सं.-एम/11 में वन गश्ती के क्रम 19 लोगों में रामलाल चौहान के पुत्र रामचन्द्र चौहान,नथुनी यादव के पुत्र सीताराम यादव,बहादुर यादव के पुत्र धनहर यादव,रामलाल चौहान के पुत्र नथुनी चौहान,बनवारी चौधरी के पुत्र मोहन चौधरी,दहारी चौधरी के पुत्र जोगेंद्र चौधरी,सेवा चौधरी के पुत्र शंभू चौधरी,रामलाल चौधरी के पुत्र राजेंद्र चौधरी,लखन यादव के पुत्र सिंगासन यादव,महात्तम हजाम के पुत्र प्रकाश हजाम,सुगई बीन के पुत्र योगेंद्र बीन,किशुन चौधरी के पुत्र शंकर चौधरी, प्रभु देव चौधरी के पुत्र नरेश चौधरी,हरिहर चौधरी के परमहंस चौधरी,राजन चौधरी के पुत्र तिलक चौधरी,बरसाती चौधरी के पुत्र नंदलाल चौधरी, ध्रुव चौधरी के पुत्र संतोष चौधरी, द्वारिका चौधरी के पुत्र मदन चौधरी और ठग बीन के पुत्र चंद्रदेव बीन के साथ अन्य 10 को हल बैल से वन सीमा के अंदर वनभूमि को जोतते हुए देखा गया.जब वनरक्षी के द्वारा जोतने वालों को रोकने का प्रयास किया गया तो सभी संगठित हो लाठी आदि लेकर वनरक्षी के प्रयास का विरोध करने लगे.स्थिति की नाजुकता को देखते हुए वनरक्षी जान बचाकर भाग खड़ा हुआ. वहां से आकर वनरक्षी सोनाचंद राम ने अपराप प्रतिवेदन तैयार किया.नकहवा वन के कक्ष सं.एम/11 में लगभग 20 एकड़ वनभूमि में जोत-कोड़ किया है.नकहवा वन वन्य प्राणि आश्रयणी के रूप में अधिसूचना सं.50 वन्य प्राणी 12/78 दिनांक 4.5.78 के द्वारा सुरक्षित क्षेत्र के रूप में अधिसूचित है.बाद में वन्य प्राणियों तथा वनों के विशेष सुरक्षा के मद्देनजर इस क्षेत्र को अधि सूचना सं.11/94 - 303 दिनांक 11.3.94 के द्वारा बाल्मीकि व्याध्र परियोजना के रूप में अधि सूचित कर दिया गया है. लगभग 20 एकड़ वनभूमि पर खेती करके जीविकोर्पाजन करने वालों पर वन-विभाग ने वन अधिनियम और भारतीय दण्ड संहिता की धाराओं में केस कर दिया है. भा.द.अ.1927 और वन्य प्राणि संरक्षण अधिनियम 1972 के आलोक में 20 एकड़ जमीन का सरकारी राजस्व 4 लाख रू. और क्षतिपूर्ति राजस्व 4 लाख रू.कुल 8 लाख रू.वसूल करना है.अंतिम  वसूली एस.डी.ओ.बगहा दो के माध्यम से 18 जुलाई 2018 को होगी.  नवरंगिया दरदरी की ज्ञांति देवी ने सीएम नीतीश कुमार से मांग की है कि बिहार में भी वनाधिकार कानून 2006 लागू है.इसके तहत हमलोगों को वनभूमि पर कब्जा दिलवाया जायं. मनुष्य व वन्य जीवों को जीने का अधिकार है. हमलोगों को वन में  वनाधिकार दे दें.वनाधिकार कानून 2006 के तहत वनभूमि का पट्टा दे दिया जाए.

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