- फादर से बिशप नहीं बनने का मलाल सबको हैं: जेम्स माइकल
- रोम में रहने वाले पोप नियुक्त करते हैं बिशप
बेतिया,(पश्चिमी चम्पारण). जबतक बेतिया पल्ली में पल्ली पुरोहित रहे,तबतक फादर लौरेंस पास्कल कारनामा करते रहे.पल्ली पुरोहित रहे.कई बार विख्यात स्कूलों के प्राचार्य रहें.विकर जनरल और प्रशासक रहे. ईसायत इतिहास में है कि विकर जनरल और प्रशासक को प्रोन्नत कर बिशप बना दिया जाता है.मगर फादर की ढलती उम्र के कारण बिशप के लायक होने के बावजूद बिशप नहीं बन सके. रोम में रहने वाले पोप के द्वारा बिशप नियुक्त होते हैं.दिल्ली में पोप के प्रतिनिधि रहते हैं जो बिशप योग्य नामों पर मुहर लगाकर पोप के पास अग्रसारित कर देते हैं. यहां के निवासी जेम्स माइकल कहते हैं बिशप नहीं बनने का मलाल सबको है. बेतिया पल्ली के पूर्व पल्ली पुरोहित फादर लौरेंस पास्कल ने हिंदी में एम.ए. व एम. एड किये हैं .उनका पुरोहिताभिषेक 1980 में हुआ. उन्होंने 20 साल की दो मैराथन पारी खेली.पटना धर्मप्रांत में 20 साल और बेतिया धर्मप्रांत में 20 साल व्यत्तित किये. पटना संत जेवियर हाई स्कूल और आरा कैथोलिक हाई स्कूल के प्राचार्य रहे.1998 से 2007 तक बेतिया के संत जेवियर्स के प्राचार्य रहे. 7 जुलाई 2007 से 29 अप्रैल 2018 तक बेतिया के पल्ली के पुरोहित थे. इसी अवधि में फादर लौरेन्स के विकर जनरल छह साल तक और बिशप विक्टर के स्थानान्तरण होने के बाद साढ़े चार साल तक प्रशासक रहे. मगर बिशप नहीं बन सके. बेतिया पल्ली में रहने वाले बुद्धिजीवियों का कहना है कि येसु समाजी फादर लौरेंस पास्कल महान प्रशासकों में एक थे.अनुशासन प्रिय व ईमानदार छवि वाले हस्ती थे.यह कहा जा सकता है कि बेतिया के सर्वाधिक सफल पल्ली पुरोहितों में से एक थे. वर्तमान गिरजाघर का कायाकल्प करने का श्रेय फादर को ही जाता है. चुप्पी, संडे क्लास, क्रिसमस मिलन आदि की शुरूआत की.बिशप पीटर सेवास्टीयन गोबियस का सफलतापूर्वक समारोह करवाये. जिसमें बेतिया के सभी पल्लीवासियों को आमंत्रित किया. जिसका शानदार आयोजन व जायका इंडिया आज भी याद किया जाता है. कब्रिस्तान का रखरखाव तथा उघार संघ का चुनाव महत्वपूर्ण है. अभी फादर दीघा स्थित एक्सटीटीआई में आराम फरमा रहे हैं.
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