दुमका (अमरेन्द्र सुमन) जिला विधिक सेवा प्राधिकार, दुमका के तत्वावधान में दिन रविवार को सेंट्रल जेल, दुमका में बंदियों के बीच जेल अदालत शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता प्राधिकार के सचिव निशांत कुमार कर रहे थे। अदालत ने दो अलग-अलग मामले में दोष स्वीकारोतारी पर अभियुक्तों को एसडीजेएम प्रताप चंद्र के न्यायालय ने रिहा किया।रिहा होने वाले सभी गोपीकांदर थाना क्षेत्र के जीआर नं-1171/05 के आरोपी थाना क्षेत्र के अमीन उर्फ रामदास हेंब्रम एवम रानी बेसरा शामिल है। अभियुक्त रामदास के विरुद्ध भादवी की धारा 341, 323, 504/34 के तहत मामला दर्ज किया गया था।जिसमे न्यायालय ने दोषी करार देते हुए आठ माह का सजा सुनाया था। वहीं इसी मामले में रानी बेसरा चार माह चार दिन का सजा हुआ था। दूसरा मामला भी गोपीकांदर थाना क्षेत्र का ही है।जिसमे जीआर 07/96 के तहत मामला चल रहा था। जिसके विरुद्ध भादवि की धारा 341, 323 के तहत मामला दर्ज किया गया था।जिसमे न्यायालय ने दोषी करार देते हुए चार माह चार दिन का सजा सुनाया था।अदालत में जेएम वन बंकिमचंद्र चटर्जी, प्रोवेशन सिविल जज जितेंद्र राम, जेल सुपरिटेंडेंट भागीरथ कारजी, पैनल अधिवक्ता राकेश कुमार यादव, किरण तिवारी एवं बमशंकर उपस्थित रहे। इस अवसर पर महिला वार्ड में प्राधिकार द्वारा एक माह पूर्व प्रदत्त कम्प्यूटर का जांच किया। प्राधिकार द्वारा बीते 16 मई से आयोजित 10 दिवसीय विशेष शिविर में दिए निर्देश और सुविधाओं का निरीक्षण किया। साथ ही जेल में नियुक्त पीएलवी को हिदायत दी गई कि प्राप्त आवेदन हस्तलिखित हो, कम्प्यूटर प्रिटिंग आवेदन पर रोक है।साथ जेल सुपरिटेंडेंट को निर्देश दिया गया कि पीएलवी आशा मिश्रा को कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिलाने का निर्देश दिया।रिहा बंदियों को न्यायाधीश ने ईमादारी का पाठ पढाते हुए मेहनत और लगन से जीवन यापन करने को प्रेरित किया।
रविवार, 17 जून 2018
दुमका : जेल अदालत शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता प्राधिकार के सचिव
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