बिहार कृषि रोडमैप और इनपुट अनुदान योजना में वित्तीय मदद करे केंद्र : नीतीश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 18 जून 2018

बिहार कृषि रोडमैप और इनपुट अनुदान योजना में वित्तीय मदद करे केंद्र : नीतीश

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नयी दिल्ली 17 जून, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से राज्य के कृषि रोडमैप की येाजनाओं के क्रियान्वयन और इनपुट अनुदान योजना के लिए वित्तीय मदद देने की मांग करते हुये आज कहा कि इससे प्रदेश के किसानों की वास्तविक आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। श्री कुमार ने नीति आयोग की संचालन परिषद् की यहां राष्ट्रपति भवन में आयोजित चौथी बैठक में कहा कि बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है, जहां की 89 प्रतिशत जनसंख्या गांवों में रहती है और 76 प्रतिशत आबादी जीविकोपार्जन के लिए कृषि एवं इससे जुड़े कार्यों पर निर्भर है। ऐसे में किसानों को इनपुट अनुदान के माध्यम से ही सहायता दी जानी चाहिए। इससे उत्पादन लागत में कमी आएगी और किसानों की वास्तविक आय अधिक हो सकेगी। उन्होंने कहा कि इसी सिद्धांत को मूर्त रूप देने के लिए वर्ष 2017-22 के कृषि रोडमैप में इनपुट अनुदान योजना का शुभारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुये वर्ष 2006 से ही कृषि विकास के लिए गंभीर प्रयास शुरू कर दिया गया। राज्य में पहला कृषि रोडमैप (2008-12) एवं दूसरे कृषि रोडमैप (2012-17) के माध्यम से किसानों को गुणवत्तापूर्ण उपादान उपलब्ध कराये गये। उन्हें नयी तकनीक से अवगत और प्रशिक्षित कर उनकी क्षमता का संवर्द्धन किया गया। उन्होंने कहा कि पहले दो कृषि रोडमैप की सफलता से प्रेरित होकर सरकार ने वर्ष 2017-22 के लिए तीसरे कृषि रोडमैप को लागू किया गया। इस रोडमैप की योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रयान्वयन के लिए इन पांच वर्ष में एक लाख 54 हजार करोड़ रुपये का व्यय किया जाएगा। उन्होंने कहा, “मेरा अनुरोध है कि बिहार के कृषि रोडमैप से संबंधित योजनाओं के लिए केंद्र सरकार समुचित वित्तीय सहयोग दे।”

श्री कुमार ने कहा कि कृषि एवं इससे जुड़े क्षेत्रों में उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिलना एवं कृषि आय में वृद्धि नहीं हो पाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। कृषि संकट से उबरने के लिए फसल ऋण माफी को एक साधन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन अनुभव यह बताता है कि दीर्घकाल के लिए यह एक प्रतिगामी कदम है। यह लाभ उन्हीं किसानों तक सीमित रहता है, जिन्होंने ऋण लिया है। इससे जिन्होंने ऋण नहीं लिया एवं गैर रैयत किसानों को कोई लाभ नहीं हो पाता। उन्होंने कहा कि ऐसे में उनका मानना है कि किसानों को इनपुट अनुदान के माध्यम से ही सहायता दी जानी चाहिए। इससे उत्पादन लागत में कमी आएगी और किसानों की वास्तविक आय में वृद्धि हो सकेगी। केंद्र सरकार को इनपुट अनुदान योजना को वित्त पोषित करने में राज्य की मदद करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को फसल उत्पादन की क्षति से बचाने के लिए बिहार राज्य फसल सहायता योजना लागू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत फसल कटनी के प्रयोगों के आधार पर उत्पादन दर में गिरावट आने की स्थिति में निर्धारित दर से प्रभावित किसानों को वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस योजना में सरकारी राशि का पूर्ण उपयोग सीधे किसानों के हित में हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इस योजना की सहायता राशि में 50 प्रतिशत केंद्र सरकार की भागीदारी पर भी विचार किया जाना चाहिए। श्री कुमार ने बताया कि सरकार ने तीसरे कृषि रोडमैप में सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। इसके तहत सब्जियों के संग्रहण, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्द्धन तथा विपणन व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए त्रिस्तरीय सहकारी सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन व्यवस्था स्थापित की जा रही है और सब्जी उत्पादकों की प्रखंड स्तरीय प्राथमिक समितियां गठित की गई हैं। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर प्रखंड स्तरीय प्राथमिक समितियों को मिलाकर सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन सहकारी संघ का गठन किया जायेगा। इसी तरह शीर्ष स्तर पर जिला स्तरीय संघों को मिलाकर सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन सहकारी फेडरेशन स्थापित होगा।

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